लखनउ 6 मईः झासी के सीपरी बाजार मे बन रहा ओवरब्रिज भाजपा नेताओ और सरकार के लाख प्रयास के बाद भी पूरा नहीं हो पा रहा। ऐसा क्यो? आपको इसकी असली वजह पता चलेगी, तो आप भी हैरान रह जाएंगे।
महानगर का दर्जा हासिल करने के बाद झांसी मे सीपरी बाजार मे बनने वाला ओवरब्रिज पहली सौगात होगा। सन 2012 मे तत्कालीन बसपा सरकार मे मंत्री नसीमउददीन सिददीकि ने ब्रिज बनने को लेकर बड़ा बयान दिया था।
यह बयान आने वाले दिनों मे होने वाले चुनाव के मददेनजर था, जिसमे उन्होने ब्रिज बनने के लिये रेलवे से मिलने वाली एनओसी पर पूरा दारोमदार फोड़ दिया था। ना रेलवे से एनओसी मिल सकी और ना ही पुल बनने का काम शुरू हो सका। बाद मे नसीम और बसपा सरकार भी पुल को लेकर बेसुध हो गयी। पुल को लेकर झांसीवासियो के दिल मे जगी आस को जिन्दा बनाये रखने के लिये समाजसेवी और बुन्देलखण्ड निर्माण मोर्चा के अध्यक्ष भानू सहाय, जिला जन कल्याण महासमिति के केन्द्रीय अध्यक्ष जितेन्द्र कुमार तिवारी सहित अन्य लोगो ने पुल को लेकर मुहिम जारी रखी।
पुल को लेकर चली मुहिम को दिशा देने मे पूर्व केन्द्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने अहम भूमिका निभायी। प्रदीप ने पुल के लिये रेलवे की ओर से मिलने वाली एनओसी को जारी कराया।
उस दौरान प्रदीप जैन केन्द्र मे मंत्री थे। रेलवे का पार्ट उन्होने पूरा करा दिया, लेकिन मामला उप्र के हिस्से मे जाकर अटक गया। चुनाव के बाद सपा सरकार सत्ता पर काबिज हुयी, तो पुल को लेकर एक बार फिर से सुर उठे।
तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पुल बनाने को लेकर एलान ही नहीं किया, बल्कि निर्माण कार्य भी शुरू करा दिया।
सरकारे बदलने के दौरान ओवरब्रिज के निर्माण की गति वो तेजी नहीं पकड़ सकी, जिसमे पुल पूरा नजर आ सके। नतीजा यह रहा कि सपा के बाद भाजपा की योगी सरकार सत्ता पर काबिज हो गयी। पुल आज भी अधूरा है।
पुल अधूरा क्यो है? यहां केन्द्र मे कैबिनेट मंत्री और स्थानीय सांसद उमा भारती, विधायक रवि शर्मा के अलावा प्रभारी मंत्रियो का जमघट लगा रहता है।
पुल को लेकर नयी जानकारी सामने आयी, तो काफी हैरान करने वाली है। सूत्र बताते है कि पुल के निर्माण का काम जिस ठेकेदार के जिम्मे है, वो कार्य को धीमी गति से कर रहा है। ठेकेदार पर कई बार दवाब भी बनाया गया, लेकिन कोई काम नहीं आया।
सरकार को ठेगा दिखाने वाले ठेकेदार के आगे पूरी सरकार और जनप्रतिनिधि क्यो नतमस्तक है, यह किसी की समझ मे नहीं आ रहा। ताज्जुब तो इस बात का है कि नगर विधायक रवि शर्मा से लेकर बबीना और गरौठा विधायक छोटे-छोटे मामले मे आवाज उठाते हैं, लेकिन पुल को लेकर कुछ नहीं बोल पा रहे। आखिर क्यो?