झांसी-मतदान के बाद कराये गये सर्वे मे यह उभर कर आया कि झांसी मेयर की सीट कांटे के मुकाबले मे फंस गयी। त्रिकोणीय मुकाबले का अंदेशा जता रहे दलो को धता बताते हुये कांग्रेस ने अपने को भाजपा के सामने कर दिया। बसपा प्रत्याशी आखिरी दौर मे पिछड़ गये।
निकाय चुनाव के तीसरे चरण के चुनाव मे आज झांसी जनपद मे मतदान शाम पांच बजे थम गया। सुबह से शुरू हुआ मतदान हौले-हौले चला, लेकिन दोपहर बाद स्थिति संभल गयी।
शहरी इलाके मे मतदान का प्रतिशत बढ़ने से ओवरआॅल प्रतिशत भी पचास के उपर जा पहुंचा।
आज नगर के विभिन्न वार्ड मे बूथ लेकर पर किये गये सवालो मे निकल कर आया कि मुकाबला सीधे तौर पर कांग्रेस व भाजपा मे रहा। बसपा दोनो मे संेध लगाने की कोशिश करती रही। आप ने जैसे चमत्कार का दावा किया था, वो पूरी तरह फेल हो गया।
शहर क्षेत्र मे बसपा का जोर नजर नहीं आया। यहां भाजपा मजबूत स्थिति मे दिखी। शहर क्षेत्र के मुस्लिम इलाको मे बसपा प्रत्याशी को लेकर किये जा रहे दावे मे दम नहीं दिखा। मुस्लिम वोटरो मे प्रदीप जैन ने पकड़ साबित करने मे कसर नहंी छोड़ी। अधिकांश इलाको मे कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष मे मतदान होता नजर आया। आम आदमी पार्टी के बूथ पर भीड़ के नाम पर एक दो कार्यकर्ता ही नजर आये।
डमडम को नगरा क्षेत्र मे अच्छी बढ़त मिलती दिखी। नगरा, नैनागढ़, ईसाईटोला, खातीबाबा मे त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला। यह भाजपा अपेक्षाकृत कमजोर नजर आती दिखी। कांग्रेस ने इस क्षेत्र मे दमदारी के साथ अपनी बढ़त लेने की कोशिश की। आप के काउंटर यहां भी भीड़ जुटाने मे कमजोर दिखे।
सीपरी मे भाजपा काफी मजबूत दिखी। यहां कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशी के बीच मुकाबला देखने को मिला। बसपा ने त्रिकोणीय मुकाबला बनाने की कोशिश की, लेकिन सफलता मिलती नजर नहीं आयी।
वोटिंग प्रतिशत और अधिकांश इलाके मे मुकाबला दो पक्षीय होने से नतीजा मुश्किल भरा हो गया है। जीत-हार के बीच अंतर का फासला विधानसभा चुनाव की तरह नहीं होता नजर आ रहा।
हालंाकि मतदान के बाद लोग अपने-अपने तरीके से गणित लगाते दिखे, जिसमे भाजपा की जीत, तो कहीं कांग्रेस की जीत के दावे किये जा रहे हैं। हां, बसपा को गिनती मे लेने वाले कम लोग ही दिखे। जबकि चुनाव मे डमडम को विजेता माना जा रहा था। इन सबके बीच आप को जिताउ बताने वाले भी मतदान के दिन जैसे भूमिगत हो गये? अब सही स्थिति मतगणना के दिन सामने आएगी।
हां, हर मुकाबले मे सपा के प्रत्याशी अपनी बढ़त को लेकर जोर लगाते दिखे। उन्होने पूरी कोशिश की, लेकिन शहरी इलाके मे उन्हे कमजोर ही माना गया।