लखनउ 4 नवबंरः चुनाव के लिये दावेदार को सामने करने में पिछड़ रही भाजपा के एक नहीं दो कारण सामने आ रहे हैं। एक तो कल रविवार है। जहां पहले चुनाव होना है, वहां भी कल नामांकन होना है।इसलिये यहां के प्रत्याशियों पर आज मुहर लग जाएगी।शाम को जारी होगे नाम। बाकी जगह जहां चुनाव मंे देर है, पार्टी कल नाम फाइनल करेगी। झांसी का नाम दो वर्गों में फंसता नजर आ रहा है।
भाजपा के लिये दावेदार मुसीबत बने हैं। लखनउ में डेरा जमाये दावेदारो की बात सुनने को मंत्रियों और प्रभारी के पास समय नहीं है।हालत यह है कि विधायक रवि शर्मा को लोग बार-बार फोन कर रहे हैं। उन्होंने अपना नंबर ही बंद कर लिया।
जानकार बता रहे हैं कि पूरे प्रदेश के निगमों के लिये नाम लगभग फाइनल हो गये हैं। मुरादाबाद, लखनउ, कानपुर सहित अन्य जिलो के लिये नाम चयन करने में पार्टी को पसीना छूट गया।
झांसी में सबसे ज्यादा दावेदार होने और दो दिग्गजांे के मैदान में आने की खबर के बाद पार्टी ने नये सिरे से रणनीति तैयार की है। इसमें जो नाम जनता के बीच उछाले जा रहे हैं, उन्हें सिरे से खारिज कर दिया गया है।
जानकार बता रहे हैं कि दावेदार तो पूरा जोर लगा रहे हैं, उन्हें अंतिम समय तक उम्मीद है कि नाम फाइनल हो जाएगा, लेकिन पार्टी कुछ और ही सोच रही है।
प्रभारी से मिले फीडबैक और स्थानीय स्तर पर कराये गये सर्वे में कुछ दावेदारो का जबरदस्त विरोध भी उनके लिये बाधा बना हुआ है। इसके अलावा अब मामला कद और काठी का आ गया है।
जाहिर है कि पार्टी केवल सिंबल को जीत का आधार ना बनाकर व्यक्तिगत पहचान को भी दांव पर लगाना चाहती है। इसके लिये कुछ नाम उभरे हैं, जिन पर मंथन चल रहा है।
सूत्र का कहना है कि यह नाम अन्य दावेदारो से अलग हैं। इनका खुलासा नहीं किया जा रहा। वैसे ब्राहमण और वैश्य की दावेदारी ज्यादा प्रबल नजर आ रही है।