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झांसी की पशुवधशाला को तार-तार कर देगे साधु संत?

झांसीः जिस धरती पर कलम कला और कृपाण का बोलबाला रहा हो, वहां पशुओ का वध किया जा रहा है। यह बात साधु सन्त के गुस्से को सातवे आसमान पर ले जा रही है। यही कारण है कि साधु सन्त ने पशुवधशाला को जमीन से उखाड़ फेकने के लिये प्रशासन को अल्टीमेटम दे दिया।

भगवंतपुरा में संचालित हो रही पशुवधशाला को लेकर एक बैठक का आयोजन सखी के हनुमान मन्दिर में विशिष्ट अतिथि भारतीय प्रजाशक्ति पार्टी के रा. अध्यक्ष पं. पंकज रावत की उपस्थिति व बुन्देलखण्ड योगी रमन दास जी महाराज की अध्यक्षता में किया गया।

बैठक में बोलते हुए पं. पंकज रावत ने साधू संतों से कहा कि भारत आदि काल से क्षमा की भूमि रहा है हमारे पूर्वजों ने हमें दया करना सिखाया है साथ ही जीवों को समाज का अभिन्न अंग बताया है। हमारे धर्मशास्त्र में सभी प्रकार के जीवों की उपयोगिता का वर्णन बड़े विस्तार से किया गया है। हमारे भगवानों को भी विभिन्न जीवों की सवारी करते दिखाया गया है।

पंकज रावत ने कहा कि जिस प्रकार से ओरछाधाम से मात्र 8 किमी की दूरी पर पशुओं का वध किया जा रहा है यह हमारे धर्म के विरुद्ध है साथ ही राम राजा सरकार के दर्शनों के लिये आने वाले भक्तों का भी अपमान है। भोर की पहली किरण फूटने के पहले हजारों पशुओं का मांस देश विदेश में पहुंचा दिया जाता है। यह हमारे लिये शर्म की बात है। रावत ने कहा कि हमें तब तक शान्त नहीं बैठना चाहिए जब तक पशुवधशाला की एक-एक ईट उखाड़ नहीं दी जाती।

बुन्देलखण्ड योगी रमन दास जी महाराज ने साधू संतों से निवेदन किया कि वे पशुवधशाला के विरोध में हमें पूर्ण रूप से सहयोग करें। रमन दास जी ने कहा कि हम लोग धर्म व शान्ति की शिक्षा देते है और समाज में भाईचारा हो जीवों पर दया करो जैसे उपदेश भक्तों को देते है ऐसे में पशुवधशाला हमारी शिक्षा पर कलंक है जीवों के साथ दुव्र्यवहार सनातन संस्कृति के विरुद्ध है।

बुन्देलखण्ड योगी रमन दास ने कहा कि हमें बुन्देलखण्ड के साधू समाज को एककरके पशुवधशाला का बन्द कराना चाहिए जिससे रानी की भूमि व राजराजा सरकार की धरा की पताका को पुनः फहराया जा सके।

बैठक मे साधू गिरेन्द्र महाराज, जगमोहन, मुन्ना लाल, विक्रम, वीरु, चैनू सिंह यादव, सुनील कुशवाहा, मनोज शर्मा, शशांक द्विवेदी, सनी कुमार, मनोज गुप्ता, प्रीति साहू, जय किशन गोस्वाती, सुनील सैनी, आकाश, धरन शर्मा, पीके श्रीवास्तव, सौरभ श्रीवास्तव, रामचन्द, दीपक घुटेरिया, राजीव उपाध्याय, आनंद मुदगल, राधारमन उपाध्याय, राजीव शर्मा, कैलाश, आदि उपस्थित रहे।

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