झांसी-कैसे बसपा संगठन मे नंबर वन बन जाएंगे डमडम?

झांसीः अब कुछ ही समय बचा है। सुबह मतगणना का काम शुरू हो जाएगा। सबकी निगाह मतगणना पर होगी। जीत-हार से ज्यादा जोर इस बात पर रहेगा कि किस प्रत्याशी की क्या पोजीशन है। खासकर बसपा प्रत्याशी डमडम की। डमडम के लिये जीत और हार बड़े मायने की है। ऐसा क्यो? इसके कुछ कारण हैं।

राजनीति मे  कदम रखने वाले बृजेन्द्र व्यास उर्फ डमडम गरौठा भूमि से शून्य से शिखर तक पहुंचे। बृजेन्द्र व्यास का यह चैथा चुनाव है। हालांकि गरौठा विधानसभा मे  जीत का स्वाद चखने के बाद डमडम ने सीट को दोबारा मुड़कर नहीं देखा।

उनकी निगाह झांसी की सीट पर लगी रही। इसके लिये उन्होने दो बार प्रयास किये। जनता ने उन्हे  दोनो  बार नकार दिया।

लंबे अंतराल के बाद एक बार फिर से बसपा के टिकट पर वो मेयर पद पर प्रत्याशी बनकर आये हैं। बसपा मे  वापसी और निष्कासन के खेल मे  उलझे रहने वाले डमडम को दूसरा दल शायद सहज नहीं लगता।

यही कारण है कि निकाले जाने के बाद वो पुनः बसपा मे  वापसी के प्रयास करने लगते। इस बार विधानसभा चुनाव मे  बसपा का प्रदेश स्तर पर सूपड़ा साफ होने के बाद पार्टी को उनकी याद आ गयी।

पार्टी ने मेयर सीट पर डमडम को उतारने से पहले नरेन्द्र झां को स्वीकृति दी थी? बाद मे  नरेन्द्र को ना कहते हुये डमडम को टिकट दे दिया। पार्टी की इस नीति ने डमडम के मैदान मे  आने से पहले कांटे बो दिये? हालंाकि डमडम इससे इंकार करते रहे।

दरअसल, राजनैतिक जानकार मान रहे है कि इस बार डमडम कुछ और ही इरादे से वापसी कर रहे हैं। उन्हे  पार्टी मे  बुन्देलखण्ड स्तर पर अपना कद साबित करना है।

पार्टी मे  बुन्देलखण्ड स्तर पर कोई नेतृत्व नहीं होने से परेशानी है। डमडम चाहते है कि इस मुकाम तक पहुंचने के लिये मेयर सीट जीते। यह जीत उन्हे  मायावती की नजर मे  हीरो तो बनायेगी ही, साथ ही स्थानीय संगठन से भी उपर कर देगी! दूर की कौड़ी फंेकने के इरादे से राजनीति की पाठशाला सजाये बैठे डमडम के लिये मेयर की सीट पर जीत हार काफी कुछ तय करेगी।

जीत के बाद ना केवल उनका पार्टी मे  कद अन्य नेताओ  की तुलना मे  बेहद उपर हो जाएगा, बलिक पिछले कई सालो  से स्थानीय स्तर के नेताओ  से चल रहे मतभेद भी उन्हे  नुकसान पहुंचाने वाली स्थिति से बाहर कर देगे?

पार्टी मे  अपना कद और दूर की राजनीति के उनके इशारे इसी बात से समझे जा सकते है कि मेयर चुनाव मे  डमडम ने लोकल संगठन के पदाधिकारियो  को तरजीह नहीं दी? हालंाकि इन आरोपो  को डमडम स्वीकार नहीं करते। कम बोलकर राजनीति के जरिये जवाब देने का अंदाज रखने वाले डमडम के लिये यह चुनाव बहुत कुछ तय करने वाला है।

अब कल से शुरू होगी मतगणना दोपहर तक डमडम के राजनैतिक करियर की दिशा मे  अहम भूमिका निभाना शुरू कर देगी।

 

 

 

 

 

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