झांसीः प्रेमनगर थाने मे सुनील साहू की मौत को लेकर पुलिस कार्यवाही की चपेट मे आया साहू समाज बेहद गुस्से मे है। समाज के लोग सड़क पर प्रदर्शन करते हुये बीजेपी को पानी पी-पी कर कोस रहे हैं। आम चुनाव की तैयारियो मे जुटी बीजेपी के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है कि समाज को कैसे समझाएं?
बुन्देलखण्ड का झांसी कई सालो से बीजेपी का गढ़ रहा है। बीजेपी कीचुनावी जीत मे साहू समाज का योगदान अहम माना जाता है। यह बात दीगर है कि पार्टी की ओर से समाज को सम्मान और पद देने मे कंजूसी बरती गयी है। अब तक अपने हक से वंचित समाज बीजेपी के साथ खड़ा होने मे गुरेज नहीं करता है, लेकिन बीते दो दिन मे जो राजनैतिक हालात बन रहे है, उसने बीजेपी के सामने सवाल खड़ा कर दिया कि किस प्रकार मान मनौव्वल के कदम आगे बढ़ाए जाएं?
आज साहू समाज के लोगो की भीड़ मे जिस तरह से महिलाओ ने भागीदारी दिखायी, उसने हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया कि पुलिस कार्यवाही को लेकर क्यो गुस्सा किया जा रहा है?
पूर्व विधायक कैलाश साहू, उप्र व्यापार मंडल के महानगर अध्यक्ष संतोष साहू जैसे लोग समाज की पीड़ा को लेकर अधिकारियो से गुहार लगा रहे हैं। उनके अंदर इस बात की नाराजगी है कि पीड़ित परिवार को न्याय देने की जगह सजा दे दी!
समाज के लोग कह रहे हैं कि यह प्रकरण बीजेपी के लिये गले की हडडी बनता जा रहा है। पार्टी अब इसे ना तो निगल पाने की स्थिति मे है और ना ही उगल पाने की। ऐसे मे कोई नेता आगे आकर समाज को सांत्वना के दो बोल देने से कतरा रहा है।
जहिर है कि आने वाले दिनो मे प्रेमनगर का साहू प्रकरण पुलिस के साथ बीजेपी के लिये भी सरदर्द बनेगा!