झांसीः कल हुये मतदान मे झांसी का मतदान प्रतिशत 53 तक आने मे हाफ गया। जबकि झांसी जनपद के नगर पंचायत और नगर पालिका क्षेत्र मे इसकी सीमा 80 प्रतिशत तक जा पहुंची। यह वोटिंग प्रतिशत कहां खतरे की घंटी बजा रहा, यह सवाल भाजपाईयो को भी परेशान कर रहा है।
मतदान की शुरूआत धीमी होने से अंदाजा हो गया था कि प्रतिशत 50 से 55 के बीच रहेगा। जबकि भाजपाईयो को उम्मीद थी कि यह प्रतिशत 60 का आंकड़ा छू लेगा। ऐसा नहीं हुआ।
इससे इतर जनपद के बड़ागांव, मउ, कटेरा, गुसरायं, बरूआसागर, समथर, मोठ, एरच, गरौठा, टोड़ीफतेहपुर, रानीपुर, चिरगांव मे वोटिंग प्रतिशत झंासी के प्रतिशत से काफी अधिक रहा।
वोटिंग प्रतिशत आप चित्र मे देख सकते हैं। वोट का प्रतिशत अधिक होना भाजपा के लिये फायदे के साथ नुकसान वाला भी साबित हो सकता है। मसलन, मउ मे 62.82 प्रतिशत मतदान से सपा और भाजपा की टक्कर मे जीत-हार का फासला बिगड़ सकता है। यहां निर्दलीय भी वोट प्रतिशत के बाद जीत के दावेदारी कुछ ज्यादा ही करने लगे हैं।
एरच और बड़ागांव मे तो वोट प्रतिशत 80 के पार रहा। ऐसी स्थिति भाजपा के लिये कितनी घातक होगी, यह सवाल बनकर उभरा है!
जनपद की नगर पंचायत और पालिका मे हुयी वोटिंग ने विपक्ष की बांछे खिला दी। खासकर सपा इस प्रतिशत से काफी खुश है। पार्टी का मानना है कि ग्रामीण इलाके मे मजबूत स्थिति मे होने के कारण जीत आसान हो जाएगी।
जनपद के ग्रामीण इलाको मे सपा का जनाधार ठीक ठाक माना जाता है। यह सपा के कमोवेश भाजपा, कांग्रेस और बसपा कमजोर नजर आती है। अब देखना यह है कि क्या अध्यक्ष के चयन मे बीजेपी का आंकड़ा प्रतिशत के हिसाब से कितना उपर उठता है या नीचे जाता है। यह कल पता चलेगा।
