झांसीः बुन्देली माटी को कलम, कला और कृपाण की धरती यूं ही नहीं कहा जाता है। गंगा जमुनी संस्कृति से सराबोर बुन्देली माटी अपनापन और भाईचारे की जीती जागती मिसाल है। यही कारण है कि बीते रोज समाजवादी चिंतक सैयद शहनशाह हैदर आब्दी के बेटे की शादी मे सर्वधर्म गुरूओ ने वर और वधु को ना केवल आशीर्वाद दिया, बल्कि अपने-अपने धार्मिक पाठ सुनाये।
तहसील स्थित सांई मंगलम विवाह घर मे आयोजित समारोह मे पूर्व विधायक दीप नारायण सिंह यादव, युवा नेता नरेन्द्र झां, अस्फान सिददीकि सहित नगर की अन्य गणमान्य हस्तियां मौजूद रहीं।
आपसी भाईचारे के लिये समर्पित रहने वाले शहनशाह हैदर आब्दी का सम्मान है। वो हिन्दू-मुस्लिम एकता के साथ अन्य धर्म और जातियो के लोगो को भी आपस मे जोड़़ने का काम करते हैं।
आब्दी के बेटे का विवाह केवल मुस्लिम विवाह नहीं था। इसमे अनोखी बात यह रही कि सभी धर्मों के धर्मगुरूओ ने वर और वधु को आशीर्वाद के रूप मे अपने धर्म का ज्ञान दिया।
नगर मे उक्त विवाह की चर्चा रही। लोगो का मानना है कि बुन्देलखण्ड की इस संस्कृति को देश के दूसरे शहरो मे भी उदाहरण के रूप मे पेश किया जाना चाहिये।