झांसीः सरकार टीबी का इलाज सौ फीसद होने का दावा करती है, लेकिन कुछ लोग गलत मानसिकता के चलते इलाज से घबरा जाते। नतीजा उनकी जान असमय चली जाती।
ऐसा ही एक मामला सामने आया। यूपी के हमीरपुर के जमौड़ी मे रहने वाली कांगो पत्नी प्रेमचन्द्र को टीबी की बीमारी थी।
परिजनो के अनुसार कंगो का इलाज चल रहा था। इस बीच किसी ने उससे कह दिया कि टीबी के मरीज ठीक नहीं हो पाते। यह बहम कांगो के दिमाग मे घर कर गया।
परेशान कांगो ने बीते रोज जहरीला पदार्थ खा लिया। शरीर मे खून की कमी ने जहर को जल्द शरीर मे घोल दिया।
परिवार वाले उसे उपचार के लिये चिकित्सालय ले गये, लेकिन वहां चिकित्सको ने उपचार के लिये मेडिकल कालेज झांसी रेफर कर दिया। टीबी की बीमारी से जूझ रही कांगो को जहर का सेवन भारी पड़ गया। उपचार के दौरान उसकी मौत हो गयी। पुलिस ने शव को कब्जे मे लेकर पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया।