झांसीः बीच शहर में सर्राफा व्यापारी के घर हुयी डकैती के आरोपी पुलिस के हाथ मे होते हुये भी खाली है। मतलब यह कि पुलिस आरोपियो को शक्ल से तो पहचान रही है, लेकिन गिरफत मे नहीं ले पायी है। वैसे इस मामले मे आज पुलिस की भाषा शैली और खामोशी बता रही है कि राज बाहर होने मे अब देर नहीं?
गौरतलब है कि बीते रोज सर्राफा व्यापारी पवन कुमार अग्रवाल निवासी चैधरयाना के यहां डकैती पड़ी थी। इस कांड मे एक आरोपी नौकर कृष्णा की पहचान हो गयी है। कृष्णा के दोस्त कौन से है, इसकी भी जानकारी पुलिस को हो गयी। पुलिस कह रही है कि अभी किसी को पकड़ा नहीं जा सका है।
बीते दो दिन से दबिश के फायर झोक रही पुलिस आज थोड़ी इत्मिनान मे दिखी। ज्यादा परेशानी को छिपाने की कोशिश हो या फिर आरोपियो की सही लोकेशन मिलने की तसल्ली। दोनो हालातो मे पुलिस मामले को हल करने की दिशा मे पहुंच गयी है।
बकौल कोतवाल अजय पाल-आरोपी अभी पकड़ मे नहीं आये हैं। जाहिर है कि रिश्तेदारी मे छिपे होगे। तलाश जारी है। कोतवाल की भाषा आज सधी हुयी दिखी।
डकैती कांड के मुख्य सूत्रधार नौकर कृष्णा को लेकर पुलिस के पास कई तरह की जानकारी सामने आयी हैं। मसलन, उसके जुआ खेलने, पैसा उधार लेने आदि की आदतें।
पुलिस इन सबसे इतर आरोपी कृष्णा को जद मे लेने की जददोजहद मे है। समय हाथ से निकल रहा है और अधिकारियो के साथ व्यापारियो की नाराजगी भी उपर उठ रही है।
ऐसे मे पुलिस आज रात तक आरोपियो को गिरफत मे लेने मे कोई कसर नहीं छोड़ेगे। सूत्र बता रहे है कि जिन लोगो को पूछताछ के लिये बुलाया गया, उनमे से कुछ लोगो ने जो संभावित लोकेशन बतायी, उसमे आरोपी नहीं मिले। हां, वहां पहुंची पुलिस को नये सुराग जरूर मिले।
इन सुरागो ने पुलिस की दौड़ की दिशा को मंजिल तक ले जाने वाला बना दिया। पुलिस के लिये अब चुनौती यह है कि बिना मोबाइल लोकेशन के जानकारी के आधार पर दबिश मे पहचाने चेहरे को अपनी गिरफत मे कैसे लिया जाए?
जानकार बता रहे है कि कृष्णा के साथ दोस्तो के जो नाम सामने आये हैं, उनमे अधिकांश अपराध मे गहराई से लिप्त नहीं है। कुछ दोस्ती निभाने तो कुछ पैसो के लिये कांड मे शामिल हो गये।
बरहाल, पुलिस दावा कर रही है कि शुक्रवार को जांच अंतिम दिशा मे यानि खुलासे पर पहुंचकर पर्दाफाश कर देगी।
