झांसी-तो क्या नगर निगम के अधिकारी ही सरकार की लुटिया डुबो देगे?

झांसीः नगर के प्रथम नागरिक के रूप मे  पदभार संभालने वाले रामतीर्थ सिंघल की लुटिया क्या नगर निगम के अधिकारी ही डुबो देगे। यह सवाल निगम अधिकारियो की कार्यशैली को लेकर उठ रहे हैं।

अपने कार्यकाल मे  पहले दिन ही पब्लिक विरोधी काम की शुरूआत होने से रामतीर्थ सिंघल को निशाने पर लेने की मंशा जाहिर होने लगी है। निगम ने आज पहले दिन अतिक्रमण हटाओ अभियान की शुरूआत की। यह अभियान उन इलाको मे चलाया गया, जहां किसी को परेशानी ज्यादा नहीं थी।

इसके अलावा सर्द मौसम मे  वर्फ की चादर से शहर ढका नहीं है, लेकिन सर्द हवाओ  की चादर ने गरीबो को हांड कंपकंपा देने वाली सर्दी का एहसास जरूर करा दिया।

इसके बाद भी नगर निगम के अधिकारियो  के कान खड़े नहीं हुये और अलाव जलाने की तैयारी को किसी प्रकार से अंजाम नहीं दिया गया। जबकि हर साल अलाव जलाने के लिये दिसम्बर मे  शुरूआत हो जाती है।

चैराहे, बस स्टैंड, बाजार मे  रात के समय खुले आसमान मे  रहने वालो  को स्वयंसेवी संगठनो  की मदद से गर्माहट मिल रही है। स्वयंसेवी संगठनो  के लोग गरीब, असहाय और बेसहारा लोगो  को कंबल आदि का वितरण कर रहे हैं। निगम के अधिकारियो  को यह एहसास ही नहीं है कि शहर मे  गरीब भी रहते हैं? चूंकि महापौर रामतीर्थ के कार्यकाल का आज तीसरा दिन है, इसलिये उन्हे  व्यवस्थाओ  को लेकर घसीटना शायद कुछ ठीक नहीं होगा, हां यह जरूर कहा जा सकता कि सार्वजनिक जीवन मे  रहते हुये रामतीर्थ को इतना तो पता होगा कि सर्दी मे  अलाव जलाने की जिम्मेदारी नगर निगम के उपर होती है।

जानकार मान रहे है कि यही रवैया रहा, तो योगी सरकार की गरीबो  की मदद की मंशा को अधिकारी ही ताक पर रखने का काम करेगे।

अब भई पब्लिक को इससे क्या कि अधिकारी काम नहीं कर रहे या व्यवस्थाएं चरमारायी है? उन्हे  तो धरातल पर काम नहीं होने पर जवाब के लिये राम ही नजर आएंगे।

 

 

 

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