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झांसी धरती और कंठ की प्यास बुझाने के लिए किसान को क्यों मौत चुनने के लिए मजबूर कर दिया

झाँसी-पानी नेजीना मुहाल  कर दिया है फसल को चौपट होता देख किसानों ने सरकार के सामने पानी मांगने को लेकर अनशन शुरु कर दिया

किसानों का दर्द यह है कि वह पीने के पानी के साथ सिंचाई के लिए भी बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं

बुन्देलखंड किसान पंचायत के अध्यक्ष गौरी शंकर बिदुआ के नेतृत्व मनेतृत्व में सैकड़ों किसानों ने गांधी उद्यान में अनिश्चित कालीन धरना प्रर्दशन शुरु कर दिया है। किसानों ने जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजते हुए गहराते पेयजल संकट के बारे में अवगत कराया। किसानों में लगभग 50 से अधिक लोगों ने ज्ञापन के माध्यम से राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग कर रहे हैं। किसानों की मांग  है कि यदि उनकी पेयजल की समस्या दूर नहीं की जाती है तो उनकी लाशें ही घर वापस जायेंगीं।

वहीं किसानों ने पेयजल संकट को दूर करने के साथ-साथ सिचाई व्यवस्था भी की जाये। पथरेई बांध में प्रभावित ग्राम इमियिा के किसानों के बालिग परिवार को अनुकम्पा राशि का वितरण शीघ्र कराया जाये। बबीना ब्लॉक में 25 क्यूसिक की नहर को बढ़ाकर डोमागोर रक्सा तक किया जाये। जिससे सिचाई के साधन हो सके। ऐसी ही कई समस्याओं है। जिन्हें शासन-प्रशासन से दूर करने की मांग की गई।

इस मौके पर भानू  साहय,  राम सिंह जादौन, देवी सिंह कुशवाहा, शंकर दयाल, लखन लाल, वीरेन्द्र सिंह यादव, धीरेन्द्र सैन बगरौनी, हरीशंकर यादव, भीकम सिंह, कल्लू आर्या, दिलीप बरार, बृजकिशोर समेत सैकड़ों किसान मौजूद रहे।

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