झांसीः बुन्देलखण्ड के ललितपुर मे एक ईमानदार प्रिंसिपल को अपनी ईमानदारी की कीमत जान देकर चुकानी पड़ी। मिड डे मील मे घपला करने के आरोपियांे के जाल से निकलने और विरोध करना उसे महंगा पड़ गया। प्रिंसिपल ने सुसाइड कर लिया। स्कूल के ब्लैक बोर्ड पर उसने सुसाइड नोट भी लिख दिया था।
ललितपुर जनपद के तालबेहट कोतवाली अन्तर्गत ग्राम सेमरखेड़ा में प्राथमिक विद्यालय है। जहां जनपद जालौन के कोंच निवासी ओम प्रकाश पटैरिया शिक्षक के पद पर कार्यरता था। ओम प्रकाश पटैरिया ईमानदारी के साथ शिक्षण कार्य करते थे। मगर ग्राम प्रधान एवं मिड डे मील प्रभारी उन से जबरन वसूली कर अवैध धन की मांग करते थे। जिसका वह लगाता विरोध करते थे।
आरोप है कि सरकारी स्कूल के बच्चों के भोजन का पैसा हड़पने की नियत से प्रधान, मिड डे मील प्रभारी द्वारा लगातार उत्पीड़न किया जा रहा था। जिससे तंग आकर शिक्षक ने विद्यालय में आग लगा ली। चीख-पुकार सुनकर बचाव में दौड़े लोगों ने आग बुझाकर उसे उपचार के लिए सीएचसी तालबेहट लाया गया। जहां हालत गंभीर होने पर डाक्टरों ने झांसी रिफर कर दिया। झांसी मेडिकल कालेज जाते समय रास्ते में ओम प्रकाश की मौत हो गई। जिसकी सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया है। बताया जा रहा है। मृतक शिक्षक ने आत्महत्या से पहले विद्यालय के बोर्ड समेत विभिन्न जगह ग्राम प्रधान मोहन सिंह तथा मिड डे प्रभारी कपिल दुबे पर प्रताड़ना उत्पीड़न एवं जबरन वसूली के आरोप लगाया है। जिसका विरोध करने पर उसे परेशान किया जा रहा है। इसी से तंग आकर शिक्षक ने यह कदम उठाया है।