झांसी लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा संगठन में फेरबदल के साथ पिछड़ों की राजनीति को मजबूत बनाने के लिए पूरा जोर लगा रही है। प्रदेश स्तर पर किए गए जिला अध्यक्षों के फेरबदल में झांसी में पार्टी ने कुशवाहा समाज पर बड़ा दांव खेलते हुए जमुना कुशवाहा को जिला अध्यक्ष पद की कमान सौंपी है ।अब तक ब्राह्मण वर्ग से संजय दुबे इस पद को संभाल रहे थे।
जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव का समय नजदीक आ रहा है भाजपा के अंदर चल रही राजनीति के तीर निशानी पर बैठाने के लिए छोड़े जा रहे हैं। इस बार भाजपा पिछड़े और दलित वर्गों को अपने पाली में करने के लिए पूरा जोर लगा रही है।
एससी एसटी एक्ट में बदलाव से लेकर पिछड़े वर्ग कि राजनीतिक हिस्सेदारी का मुद्दा जोर-शोर से उठाया जा रहा है हालांकि बुंदेलखंड में भाजपा का जनाधार सामान्य वर्ग के जातियों पर ज्यादा टिका है ।इस बार भाजपा ने दूसरे वर्गों को वरीयता देते हुए राजनीति का जो नया दांव खेला है उसी का नतीजा संगठन में और पार्टी स्तर पर इन वर्गों के लोगों को समायोजित करने से देखा जा सकता है।
झांसी में जिला अध्यक्ष की कमान संजय दुबे को सौंपी गई थी जिला अध्यक्ष के पद के लिए वैसे तो कई दावेदार सामने से लेकिन पार्टी में पिछड़े वर्ग पर दाव लगाते हुए कुशवाहा समाज को वरीयता दी।
यहां यह देखना दिलचस्प होगा कि एक ओर जहां भाजपा ने अरुण कुशवाहा को राज्यमंत्री स्तर का दर्जा दे रखा है तो वहीं कुशवाहा समाज से जिला अध्यक्ष पद का प्रभार देकर क्या दौरान लाभ पा सकेगी?
हालांकि जिला अध्यक्ष पद महानगर अध्यक्ष के सामने बौना साबित नजर आता है। क्योंकि झांसी की राजनीति महानगर के इर्द-गिर्द केंद्रित रहती है और महानगर अध्यक्ष जिला अध्यक्ष के ऊपर हावी नजर आता है।
झांसी में पिछले कई सालों से महानगर अध्यक्ष पद का ही बोलबाला रहा है वर्तमान में भी महानगर अध्यक्ष प्रदीप सरावगी भाजपा की राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र बने रहते हैं।
यहां यह देखना दिलचस्प होगा जिस प्रकार संजय दुबे ने अपने राजनीतिक अनुभव से पार्टी को जिला स्तर पर मजबूती दी और महानगर पद को जिला अध्यक्ष पद पर हावी नहीं होने दिया क्या जमुना कुशवाहा इस लाइन के और आगे तक जाएंगे।