झांसीः अपनो के साथ शह और मात देने के खेल मे जुटे भाजपाईयो ने आज एक बार फिर खुशी का खुलकर इजहार किया। मौका था महानगर अध्यक्ष प्रदीप सरागवी उर्फ भाईजी खेमे को मिली हार का। भाईजी की शिकायत पर निलंबित हुये दो पदाधिकारियो को पार्टी ने वापस ले लिया। इस खुशी के पल को सोशल मीडिया मे शेयर करते हुये लिखा गया कि सच कभी हार नहीं सकता!
आपको बता दे कि विधायक रवि शर्मा के चुनाव मे महानगर अध्यक्ष प्रदीप सरागवी उर्फ भाईजी के साथ नगरा मे मुख्यमंत्री मप्र शिवराज सिंह की सभा मे हुयी अभद्रता के मामले को पार्टी ने गंभीरता से लिया था।
प्रदीप ने इस मामले मे पार्टी मे कुछ पदाधिकारियो पर उन्हे अपमानित करने और धक्का मुक्की करने के आरोप लगाते हुये कार्रवाई की मांग की थी। यह भी कहा गया था कि यह ना केवल पदाधिकारी का अपमान है, बल्कि व्यक्तिगत भी छवि खराब की गयी। जिन पदाधिकारियांे पर आरोप लगाये गये वो थे कानपुर-बुन्देलखण्ड क्षेत्र के क्षेत्रीय मंत्री एडवोकेट सुधीर सिंह व अनीता पाण्डेय। इसके बाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने दोनो को निलंबित कर दिया था। दोनो विधायक रवि शर्मा खेमे के खास बताये जाते हैं।
इन दोनो पदाधिकारियो के निलंबित होने के बाद महानगर अध्यक्ष खेमे ने अपनी ताकत का एहसास करा दिया था। उस समय से ही दोनो खेमो के बीच इस मुददे पर आपसी तनातनी बनी हुयी थी।
चुनावी माहौल मे हुये निलंबन को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने चुनावी माहौल मे ही अपनों की वापसी के लिये दोनो का निलंबन रद कर दिया।
आपको बता दे कि दोनो पदाधिकारियो के निलंबन के बाद से विधायक खेमा काफी नाराज था। सुधीर सिंह ने विधायक के चुनाव मे जमकर मेहनत की थी। हालांकि उन्होने अपने निलंबन को लेकर किसी प्रकार की शिकायत नहीं की, लेकिन पार्टी मे बने रहे।
बताते है कि निलंबन की टीस दिल मे लिये विधायक खेमा मौके के इन्तजार मे था। आज वो मौका मिल गया। बीते दिनो टिकट वितरण के दौरान लखनउ मे जमे विधायक खेमे ने इस मुददे पर काफी पहल की। इसके बाद से तय हो गया था कि निकाय चुनाव मे महानगर अध्यक्ष खेमे को झटका मिल सकता है। आज इस बात की जानकारी दी गयी कि दोनो का निलंबन रद कर दिया गया है। इस निलंबन की कापी को पार्टी के नेताओ ने सोशल मीडिया पर शेयर किया। शेयर करते हुये नेताओ के अंदर की खुशी देखी जा सकती थी। उन्होने लिखा कि सच परेशान हो सकता है, लेकिन हार नहीं सकता। यहां सवाल उठ रहा है कि क्या वाकई प्रदीप सरावगी ने झूठी शिकायत की थी? क्या उस घटना मे प्रदीप की भूमिका संदेह भरी थी? बरहाल, हाल और स्थिति जो भी हो। बीजेपी के अंदर के घमासान की तस्वीर निलंबन वापसी की खुशी से जग जाहिर हो गयी!
