झांसीः जिस कोख से बेटी ने जन्म लिया, उस मां की अंतिम क्रिया करने की सपने मे भी नहीं सोची थी। हालात ऐसे बने कि बेटी को परंपराओ को परे रखते हुये मां का अंतिम संस्कार करना पड़ा। झांसी के सीपरी बाजार मे रहने वाली पामेला राय ने अपनी मां की चिता को मुखाग्नि दी।
नेशल हाफिज सिददीकि मे शिक्षिका पामेला राय के पिता का देहान्त हो चुका है। बहन रोमिला राय का भी विवाह हो चुका है। मां के साथ रह रही पामेला ने परिवार की जिम्मेदारी अपने कंधे पर ले ली।
पामेला ने कभी मां को बेटे की कमी महसूस नहीं होने दी। परिवार को संभाल रही पामेला को बीते रोज जोर का झटका लगा। मां की तबियत बिगड़ गयी। पामेला उन्हे इलाज के लिये अस्पताल ले गयी।
पामेला ने नहीं सोचा था कि मां अस्पताल मे अंतिम सांस लेगी। भगवान को शायद यही मंजूर था। मां ने अस्पताल मे अंतिम सांस ली। ऐसे मंे पामेला के सामने संकट खड़ा हो गया कि अंतिम संस्कार कौन करे। उन्हांेने फैसला किया कि वो मां का अंतिम संस्कार करेगी।
जब मां की अर्थी उठी तो दोनो बहनो ने कंधा दिया। नंदनपुरा मुक्तिधाम मे पामेला ने हर वो फर्ज निभाया, जिसे बेटा निभाता है। पामेला का कहना है कि उन्हांेने मां को कभी यह एहसास नहीं होने दिया कि उनको बेटा नहीं है। पामेला के इस कदम की नगर मे चर्चा रही। आपको बता दे कि पामेला ने परिवार को संभालने के लिये अपना घर नहीं बसाया।