झांसीः पापा! प्लीज दो रूपये दे दो। टाॅफी लेने जाना है। बच्चे की पैसे की फरमाइश को कुछ दिन पहले तक अभिभावक पूरी करने मे आना काना जरूर करते थे, लेकिन दिल नहीं तोड़ते थे। आज बच्चे. पापा से दो रूपये की जगह दस का नोट मांग रहे हैं। आखिर क्यो
इस सवाल का जवाब हम आपको देते हैं। दरअसल, इन दिनो झांसी के बाजार मे रेजगारी की भरमार हो गयी है। किराना, काॅस्मेटिक्स से लेकर छोटे-छोटे दुकानो पर रेजगारी इतना आ गयी है कि दुकानदार परेशान हैं। इन छोटे दुकानदारो से रेजगारी बड़े दुकानदार ले नहीं रहे।
इसलिये छोटे दुकानदारो ने ग्राहको से एक, दो और पांच के सिक्के लेने से इंकार करना शुरू कर दिया है।
हालत यह हो गयी कि बच्चे टाफी लेने के लिये अभिभावको से अब एक दो रूपये की नहीं बल्कि दस रूपये की डिमांड कर रहे हैं।
रेजगारी को लेकर सबसे ज्यादा परेशानी गरीब वर्ग को उठाना पड़ रही है। उनके पास यदि दस रूपये खुले है, तो दुकानदार सामाने देने को तैयार नहीं हो रहा।
इस मामले मे दुकानदारो का अपना तर्क है। उनका कहना है कि बाजार मे बड़े दुकानदार खुले पैसे नहीं ले रहे। वो रेजगारी का क्या करे?
जबकि सरकार कह रही है कि रेजगारी लेने से मना करने वालो को सजा मिलेगी।
रेजगारी की बढ़ती समस्या ने लोगो को परेशान कर दिया है। वो समझ नहीं पा रहे कि जब सरकार ने एक, दो और पांच के सिक्के बंद नहीं किये है, तो फिर दुकानदार लेने से इंकार क्यांे कर रहे हैं? इस मामले मे प्रशासन से दखल देने की मांग की गयी है।