झांसीः बीते दिनो सर्राफा व्यापारी पवन अग्रवाल के यहां हुयी डकैती के सभी आरोपियो को पुलिस ने पकड़ लिया। नाटकीय घटनाक्रम मे पुलिस ने मुख्य आरोपी सहित चार को बंदी बना लिया। बताया जा रहा है कि मास्टर माइंड ने एक आरोपी की हत्या कर दी।
पिछले दिनों सर्राफा व्यापारी के यहां हुई डकैती के बाद अपने गिरोह के सरगना को ही लूटे गए माल को हथियाने के चक्कर में उसके साथियों ने मार डाला और उसका हिस्सा भी हड़प लिया। मगर पुलिस की नजरों से वह भी नहीं बच सके और पुलिस ने हत्यारे समेत चार और लुटेरों को गिरफ्तार कर उनके पास से डकैती का डेढ़ करोड़ का माल बरामद किया है। मालूम हो कि इससे पहले ही तीन आरोपी जेल जा चुके हैं।
यह था मामला
कोतवाली थाना क्षेत्र के मोहल्ला चौधरयाना में रहने वाले सर्राफा व्यापारी पवन कुमार अग्रवाल के यहां बदमाशों ने उनके यहां से निकाले गए नौकर कृष्णा के साथ मिलकर डकैती की घटना को अंजाम दिया था। इस घटना से पूरा व्यापार मंडल और पुलिस विभाग हिल गया। क्योंकि घटना के बाद किसी भी आरोपी की शिनाख्त नहीं हो सकी थी और डकैती में करोड़ों रुपए के जेवर व 3 लाख 60 हज़ार रुपए नकद बदमाश ले गए थे। पुलिस ने स्वॉट टीम समेत कई थानेदारों को इस मामले की जांच में लगा दिया।
ऐसे बड़ी आगे जांच
पुलिस ने सोशल मीडिया का सहारा लिया और जांच के दौरान कृष्णा नामक युवक का नाम सामने आया। कृष्णा पीडि़त व्यापारी के यहां नौकर था और घटना के कुछ समय पूर्व उसे निकाल दिया गया था। पुलिस ने जांच में कृष्णा के मोबाइल नंबरों को खंगाला और सर्वेलांस की मदद ली। बाद में मुखबिरों की सूचना पर उनाव गेट अंदर निवासी विक्की राय, रामकृपाल व शिवम सूजे को गिरफ्तार कर उनके पास से साढ़े चार लाख के जेवर, 71 हजार रुपए नकद एवं तमंचे व कारतूस बरामद किए थे।
जांच में पहले सरगना के रूप में सामने आया कृष्णा
पुलिस जांच में पहले नौकर कृष्णा गिरोह के सरगना के रूप में सामने आया था। पुलिस ने उसके साथियों की धरपकड़ के लिए जाल फैलाया और कई स्थानों पर छापेमारी भी की, मगर सफलता हाथ नहीं लगी। हां, उसके अन्य साथियों के बारे में जानकारी अवश्य हो गई। पुलिस ने लूटेरा गैंग के इन बदमाशों को पकडऩे की रणनीति बना ली।
सरगना निकला संदीप, तीन अन्य गिरफ्तार
एसएसपी जेके शुक्ला ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि पुलिस टीम में शामिल स्वॉट टीम प्रभारी उमेश चंद्र त्रिपाठी, शहर कोतवाल अजय पाल सिंह व प्रेमनगर थाना प्रभारी स्वतंत्र देव ने मुखबिर की सूचना पर अंजनि माता मंदिर के पास बने कब्रिस्तान में छापा मारा। वहां गिरोह का सरगना अंदर उनाव गेट निवासी संदीप कुशवाहा, शिवम साहू, अनुज राय व बाहर उनाव गेट निवासी आशीष साहू को पुलिस ने उस समय गिरफ्तार कर लिया, जब वे चारों लूट के माल का बंटवारा कर रहे थे।
डेढ़ करोड़ के जेवर व नकदी बरामद
पुलिस कप्तान ने बताया कि पकड़े गए बदमाशों के पास से भारी मात्रा में डकैती के दौरान लूटे गए जेवर भी बरामद किए गए हैं। इन में सोने के 5 किलो 400ग्राम एवं चांदी के 230 ग्राम वजन के जेवर शामिल हैं। इनकी कीमत डेढ़ करोड़ से अधिक बताई गई है।
संदीप ने कर दी कृष्णा की हत्या
पत्रकारों से बातचीत करते हुए एसएसपी ने बताया कि पूछताछ में संदीप कुशवाहा ने स्वीकार किया है कि उसने लूट के माल के बंटवारे में हुए विवाद और कृष्णा के हिस्से को हड़पने के उद्देश्य से कृष्णा की हत्या कर उसका शव मेरठ के पास फेंक दिया है। एसएसपी के अनुसार संदीप और कृष्णा साथ-साथ भागे थे। दोनों पुलिस से छिपने के लिए दिल्ली, इंदौर आदि स्थानों पर रहे। दिल्ली के आगे मेरठ के पास उनमें विवाद हो गया और संदीप में कृष्णा की हत्या कर दी। एसएसपी ने बताया कि एक टीम कृष्णा के परिजनों के साथ घटना स्थल पर शव बरामद करने के लिए भेज दी गई है।
मौज-मस्ती के इरादे से की थी डकैती
गिरोह के सरगना संदीप कुशवाहा ने बताया कि उसके गिरोह के सभी सदस्य आर्थिक रूप से बेहद कमजोर हैं। सभी को अपने शौक पूरे करने और मौज-मस्ती के लिए रुपयों की जरूरत थी। कृष्णा को नौकरी से निकाले जाने के बाद से ही वह खिन्न रहता था। उससे सभी ने जानकारी ली और संदीप ने पूरी योजना तैयार कर इस डकैती की घटना को अंजाम दिया। संदीप ने बताया कि इस रुपए से भी अपनी लाइफ स्टाईल बदल देते और खूब मौज-मस्ती करते।
पुलिस टीम को 25 हजार का इनाम
इस सनसनीखेज डकैती और हत्याकांड का खुलासा करने वाली पुलिस टीम के सभी सदस्यों को पुलिस प्रशस्ति पत्र व 25 हजार रुपए का नकद पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई है।