झांसी-सुशीला की जीत का तिलिस्म कोई क्यो नहीं तोड़ पाता?

झांसी -नगर निगम मे  लगातार पांचवी बार जीत कर सभासद बनी सुशीला दुबे को विरोधी चुनौती देने तक की स्थिति मे  नहीं आ पाते। सुशीला के आगे बीजेपी जैसा राजनैतिक दल भी पानी क्यो  मांग जाता है? यह सवाल सुशीला की जीत के बाद लोगो  के जहन मे  घूमते हैं।

इन सवालो  की पड़ताल के लिये मार्केटसंवाद ने पड़ताल की। पहली नजर में पाया गया कि  सुशीला दुबे का सरल स्वभाव और उनके पति गोकुल दुबे की मेहनत वार्ड को मजबूती प्रदान मे  करने मे  अहम योगदान निभाती है।

पूर साल वार्ड के लोगो  की समस्याओ  को सुनना। उनका निदान कराना। इसके अलावा हर किसी को दुःख मे  शामिल होना सुशीला की जैसी दिनचर्या है।

अपनी जीत को लेकर सुशीला इसलिये भी आश्वस्त रहती है क्यांेकि वो जानती है कि पूरे वार्ड मे  वो हर किसी के संपर्क मे  रहती हैं।

सुशीला के साथ उनके पति गोकुल दुबे भी पूरी साल सक्रिय रहते हैं। गोकुल दुबे भले की बसपा मे  हो, लेकिन पत्नी के प्रचार क्षेत्र मे  रात दिन सक्रिय रहते हैं।

गोकुल का कहना है कि वार्ड हमारे परिवार जैसा है। जिस प्रकार हमे अपने परिवार के सुख दुख की चिंता रहती है। ठीक उसी प्रकार हम वार्ड के लोगो  की समस्याओ  को ध्यान मे  रखते है ।

अपन नरम स्वभाव से सभी के दिलो मे  राज करने वाली सुशीला उन लोगो  के लिये मिशाल है, जो राजनीति मे  अपनी जमीन तैयार करना चाहते हैं।

 

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