झांसी। स्वामी विवेकानंद के विचार आज भी उतने प्रासंगिक हैं जितने सवा सौ साल पहले थे। यदि युवा उनके विचारों पर अमल करें तो वे अपने व्यक्तित्व में गुणात्मक सुधार ला सकते हैं। तय लक्ष्य को हासिल करके वे देश के विकास में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकते हैं। ये बातें शनिवार को बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के ललित कला संस्थान में राष्ट्रीय सेवा योजना की द्वितीय और पंचम इकाई के तत्वावधान में राष्ट्रीय युवा सप्ताह के तहत आयोजित वाद.विवाद प्रतियोगिता के प्रतिभागियों ने कहीं। इन सभी ने स्वामी विवेकानंद को आत्मसात करने का संकल्प लिया।
ललित कला संस्थान में स्वामी विवेकानंद के सपनों का भारत और आज का समाज विषय पर आयोजित प्रतियोगिता जनसंचार एवं पत्रकारिता संस्थान के अघ्यक्ष डा. सीपी पैन्यूली के निर्देशन में आयोजित की गई। इसमें रजत गुप्ता, मो. महताब, श्लोक दुबे, नंदिनी कुशवाहा, अर्चना कुशवाहा, लीलाधर पाण्डेय, विनय जोशी, मयंक और सत्य पाल सिंह ने अपने विचार रखे। इन सभी ने स्वामी विवेकानंद के जीवन से जुड़े विभिन्न प्रसंगों का उल्लेख कर युवाओं से अपनी आंतरिक कमजोरियों पर विजय प्राप्त करने का आह््वान किया। इन सभी ने देश में व्याप्त विषमताओं का उल्लेख भी किया।
इस अवसर पर एनएसएस की इकाई पंचम के कार्यक्रम अधिकारी डा. मुहम्मद नईम ने युवाओं को सुझाव दिया कि वे समय का अधिकतम सदुपयोग करें। आत्म चिंतन कर अपनी कमजोरियों को परखें और उन्हें दूर करने का प्रयास करें। उन्होंने विद्यार्थियों को आने वाले दिनों में होने वाली प्रतिस्पर्धाओं की बाबत जानकारी दी। उन्होंने विद्यार्थियों को सुझाया कि वे जीवन के लिए लक्ष्य तय करें और उन्हें हासिल करने के लिए उचित प्रयास करें। उन्होंने बताया कि 15 जनवरी को चित्रकला एवं पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। इस कार्यक्रम में उमेश शुक्ल, डा. अजय कुमार गुप्त, दिलीप कुमार, जनसंचार एवं पत्रकारिता संस्थान के शिक्षक अभिषेक कुमार समेत अनेक लोग उपस्थित रहे।