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डमडम से विकास की उम्मीद न रखना.

उदित तिवारी का आजादी कालम

झांसीः  तब उम्र कुछ ख़ास न थी, जब ये माननीय हमारे यहाँ से जनप्रतिनिधि बने थे। कक्षा 8वीं पास कर रहा था। बड़ा क्रेज़ था इनका। या यूँ कह लो कि चुनाव में आते ही ऐसे छाए कि डॉ. चन्द्रपाल सिंह यादव (राज्यसभा सदस्य), पूर्व गृहमंत्री राजा रणजीत सिंह जूदेव भी इस आंधी में खुद की जमानत जब्त होने से बचाने की जद्दोजेहद करते देखे गए। व्यास बड़े अंतराल से जीते। 2 साल क्षेत्र में विधायक बनकर घूमे।
इसके बाद… अब आगे की मत पूछिये साहब!
जब इनका नकारापन सामने आया तो इतनी गाली मिली इन्हें साहब या कह लो कि उसी गालियों का श्राप है कि मिलनसार व्यवहार होने के बावजूद आज भी एक अदद जीत के लिए  तरस रहे हैं।
5 साल गरौठा विधायक रहे। और खुद के नगर गुरसराय की 1 किमी तक की सड़क नहीं बनवा पाये। क्षेत्र का विकास क्या किया होगा, इसी नकारेपन से अंदाजा लगा लीजिये। आज भी गरौठा क्षेत्र के लोग डमडम जैसा नकारा दूसरा विधायक कहीं न होने की प्रार्थनाएं करते हैं।

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