नई दिल्ली 15दिसम्बरः संसद के सत्र की शुरूआत मे ही सरकार ने तीन तलाक को लेकर बिल को मंजूरी दे दी। संसद मे पारित होने के बाद कानून बनने को तैयार इस बिल मे तीन तलाक जैसे मुददे मे सजा का प्रावधान है।
मोदी सरकार चाहती है कि मुस्लिम महिलाओ का जीवन सुरक्षित हो। इसके लिये तीन तलाक जैसे मामले को बेहद गंभीरता से लिया गया है।
सरकार ‘द मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स इन मैरिज एक्ट’ नाम से इस विधेयक को लाएगी. ये कानून सिर्फ तीन तलाक (INSTANT TALAQ, यानि तलाक-ए-बिद्दत) पर ही लागू होगा. इस कानून के बाद कोई भी मुस्लिम पति अगर पत्नी को तीन तलाक देगा तो वो गैर-कानूनी होगा. बता दें कि इसी साल 22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को गैर कानूनी करार दिया था.
मोदी सरकार इसके लिए काफी लंबे समय से तैयारी कर रही थी. 1 दिसंबर को ड्राफ्ट तैयार कर रिव्यू के लिए भेजा गया था, और 10 दिसंबर तक सुझाव मांगा था. सरकार की मानें तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी देश में कई तीन तलाक के मामले सामने आए थे. बिल को झारखंड, असम, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों का समर्थन मिला है.
बता दें कि बिल के तहत किसी भी स्वरूप में दिया गया तीन तलाक वह चाहें मौखिक हो, लिखित और या मैसेज में, वह अवैध होगा. जो भी तीन तलाक देगा, उसको तीन साल की सजा और जुर्माना हो सकता है. यानि तीन तलाक देना गैर-जमानती और संज्ञेय ( Cognizable) अपराध होगा. इसमें मजिस्ट्रेट तय करेगा कि कितना जुर्माना होगा.