नई दिल्ली 23 मार्चः राजनीति मे नेता को सबसे ज्यादा नफरत यदि किसी चीज से है, तो वो है हार। पिछले दिनो यूपी के गोरखपुर व फूलपुर लोकसभा चुनाव मे बीजेपी को जब हार का सामना करना पड़ा, तो योगी के अंदर ज्वाला धधक उठी।
अपनी सटीक रणनीति और अमित शाह के तेज दिमाग का घोड़ा ऐसा दौड़ाया कि एक झटके मे हार का बदला ले लिया। इतना ही नहीं दो विरोधियो के मौकापरस्त होने का नाम भी जनता के सामने दे दिया।
योगी शुरू से ही कहते आ रहे थे कि सपा और बसपा का मेल स्वार्थ का मेल है। यूपी मे उप चुनाव मे जीत के बाद यह कयास लगने भी लगे थे कि यदि राज्यसभा चुनाव मे बसपा काप्रत्याशी नहीं जीता, तो दोनो दल आपस तालमेल को कितने दिनो तक बनाये रख पाएंगे।
अंबेडकर की हार से जहां बीजेपी ने अपनी हार का बदला पूरा किया, तो यह सवाल और गहरा हो गया कि क्या मायावती अब अखिलेश पर विश्वास बनाये रख पाएंगी?
-बीजेपी ने नौवीं सीट पर भी जीत दर्ज की, अनिल अग्रवाल ने मारी बाजी.
-बीजेपी के आठ विधायक और सपा प्रत्याशी जया बच्चन जीतीं. जया को कुल 38 वोट मिले.
-सूत्रों के अनुसार अब तक की काउंटिंग में अनिल अग्रवाल – 9, जया बच्चन – 35 वोट, अरुण जेटली – 33, अनिल जैन -13,
अंबेडकर -28 वोट, कांता कर्दम – 26, नरसिम्हा – 21 वोट.
– चुनाव आयोग का फैसला, बीजेपी और बीएसपी विधायकों के 1-1 वोट रद्द
-सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के एक विधायक ने भाजपा एजेंट पर वोट फाड़ने का लगाया आरोप. चुनाव आयोग ने पर्यवेक्षक से CCTV देख कर मामले का परीक्षण करने को कहा. यदि मत फाड़े गये तो फाड़ने वाले पर होगी FIR.