नई दिल्ली 24 जनवरीः चारा घोटाले मे आरोपी और सजा पा चुके बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को आज देवघर कोषागार घोटाला मामले मे भी पांच साल की सजा सुनायी गयी है। यानि सजा का समय जोड़ा जाए, तो लालू के 2019 की छोड़िये 2024 तक जेल मे रहने की संभावना दिख रही है।
चारा घोटाला से जुड़े दो केस में लालू यादव को साढ़े 8 साल जेल की सजा सुनाई जा चुकी है। बुधवार को तीसरे केस में 5 साल की सजा मिलने के बाद ये बढ़कर साढ़े 13 हो गई है। इसमें से अब तक करीब 1 साल दो महीने लालू जेल में गुजार चुके हैं। यानी तीन केस में ही लालू को रांची विशेष सीबीआई अदालत के फैसले के तहत अभी 12 साल से ज्यादा और जेल में रहना पड़ेगा।
अगर, लालू यादव को बड़ी अदालत से राहत नहीं मिलती है, तो लालू प्रसाद यादव 2019 तो दूर 2024 के लोकसभा चुनाव में भी शायद ही जनता के बीच जा सकें। वहीं लालू यादव उम्र के उस पड़ाव में हैं जो राजनीतिक सक्रियता के लिहाज से रिटायरमेंट की तरफ बढ़ रहा है। इससे बड़ा संकट ये है कि कुल 900 करोड़ के चारा घोटाले में लालू के खिलाफ अभी तीन और मामले लंबित हैं।
दूसरी तरफ तीन केस में सजा पा चुके लालू के लिए बेल पाना भी कानूनी तौर पर बड़ी मुश्किल चुनौती माना जा रहा है। ऐसे में 69 साल के हो चुके लालू की सक्रियता अब 2019 के लोकसभा चुनाव, 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव और उसके बाद 2024 के लोकसभा चुनाव में देखने को मिले, इसे लेकर आशंकाएं हैं।
जनवरी 1996 में पहली बार करीब 950 करोड़ रुपए का चारा घोटाला सामने आया था। जांच में यह सामने आया था कि 1990 के दशक में सरकारी ट्रेजरी से चारा सप्लाई के नाम पर ऐसी कंपनियों को पैसे जारी कर दिए गए जिनका अस्तित्व था ही नहीं था। उस वक्त बिहार के सीएम लालू प्रसाद यादव थे। उन पर आरोप था कि उन्होंने पद का दुरुपयोग करते हुए सरकारी ट्रेजरी से करोड़ों की रकम निकलवाई। यही नहीं उन्होंने मामले की इन्क्वायरी के लिए आई फाइल को भी अटकाए रखा।