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दरवेश हत्याकांड- महज 1 मिनट में सब कुछ पलट गया, घटना का रहस्य अभी भी बरकरार

आगरा 13 जून। बार काउंसिल के अध्यक्ष दरवेश यादव की हत्या के बाद अधिवक्ताओं में जबरदस्त गुस्सा है . वह आज हड़ताल कर रहे हैं दरवेश की हत्या के दिन जो घटनाक्रम हुआ बेहद सनसनीखेज और रहस्य से भरा हुआ था.

महज 1 मिनट के दरमियान में 5 गोलियां चली। पहले एक ,इसके बाद तीन और फिर 1। ये गोलियां चलाने वाला मनीष फिलहाल कोमा में है , लेकिन उसकी तीन गोलियों ने दरवेश को दुनिया से विदा कर दिया।

बताया जा रहा है कि जिस समय यह घटना हुई मौके पर 10 से 15 लोग थे। सभी सन्न थे। सहमे हुए थे । किसी तरह खुद को संभाल कर दरवेश और मनीष को अस्पताल पहुंचाया । अस्पताल में दरवेश की मौत हो गई जबकि मनीष कोमा में है।

दरअसल बीते रोज बार काउंसिल के अध्यक्ष चुने जाने के बाद दरवेश यादव का स्वागत समारोह था । कचहरी परिसर में सभी लोग उनका स्वागत कर रहे थे। इस समारोह में मनीष नहीं पहुंचा था। इस पर खुश अधिवक्ताओं ने उससे फोन पर कहा कि गिले-शिकवे अपनी जगह है ,तुम्हारी शिकायतें हैं , उसकी हैं , आ जाओ मिल बैठ कर बात करेंगे, तनाव दूर हो जाएगा।

अधिवक्ताओं की बात मानते हुए मनीष थोड़ी देर में वहां आ गया। इस सभी को लगा कि वह गुस्से में नहीं है , लेकिन किसी को क्या पता था कि मनीष अंदर ही अंदर कितना गुस्से में था । वह पिस्टल में गोलियां डाल कर लाया था। कुछ लोगों ने हत्याकांड से कुछ ही देर पहले उसे पिस्टल चेक करते हुए देखा था।

चश्मदीदों ने बताया कि अधिवक्ता अरविंद मिश्रा के चैंबर में टेबल के एक तरफ दरवेश थीं, दूसरी ओर मनीष था। दरवेश के पास ही मनोज और अन्य रिश्तेदार खड़े थे।

मनीष के पास कुछ वकील खड़े थे। मनीष गुस्से में तेज बोल रहा था। दरवेश के भाई सनी यादव ने तहरीर में कुछ यही घटनाक्रम बताया है। पुलिस को मौके से चार खोखे बरामद हुए हैं।

पहला निशाना : सबसे पहले मनोज को मारी गोली
लोगों ने बताया कि दरवेश मनीष को समझा रहीं थी। दरवेश के रिश्तेदार भी कह रहे थे कि मनीष तुम्हारा व्यवहार ठीक नहीं है, लेकिन मनीष कुछ मान नहीं रहा था, अपनी कह रहा था, कुछ सुनने के लिए तैयार ही नहीं था। तभी दरवेश से मनीष ने कुछ कहा। मनीष ने ठीक से जवाब नहीं दिया, तभी दरवेश का रिश्तेदार मनोज बीच में बोल पड़ा।

उसका बोलना था कि मनीष आपा खो बैठा। चश्मदीदों की मानें तो उसने कहा कि तुझे आज नहीं छोड़ूंगा। यह कहते ही मनीष ने अंटी से निकाल ली। लोग समझे कि डरा रहा है, लेकिन उसने पिस्टल मनोज पर तान दी। अगले ही पल गोली भी चला दी। पिस्टल के खुद पर तनते ही मनोज नीचे झुक गया था। इस कारण गोली उसे नहीं लगी।

दूसरा निशाना : दरवेश पर तीन गोलियां दागीं
मनोज पर गोली चलते ही दरवेश मनीष पर चिल्लाईं, तेरा दिमाग खराब हो गया। मनीष के सिर अब खून सवार था। लोगों ने बताया कि वह रुका ही नहीं। मनोज से निशाना हटाया और पिस्टल को दरवेश की तरफ मोड़ दिया।

कोई अपनी जगह से हिल भी नहीं पाया, मनीष ने दरवेश पर एक के बाद एक तीन गोलियां चला दीं। एक उनके सिर में लगी। दो सीने पर लगीं। वह लहुलुहान होकर गिर पड़ीं। अस्पताल पहुंचते ही डॉक्टरों ने कहा कि उनकी जान जा चुकी है।

तीसरा निशाना : मनीष ने की जान देने की कोशिश
दरवेश को तीन गोली लगते ही मनीष समझ गया होगा कि वह बचने वाली नहीं है। वहां मौजूद लोग कुछ समझ पाते, इससे पहले मनीष ने एक गोली अपनी कनपटी पर मार ली

यह कनपटी को पार करके सिर के दूसरी ओर निकल गई है। उसकी हालत बेहद गंभीर है। आगरा से दिल्ली रेफर किया गया है। उसके परिवार में कोहराम मचा है।

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