नई दिल्ली 12 जून आध्यात्मिक के रूप में चर्चित भय्यूजी महाराज की आत्महत्या से कई सवाल खड़े हो गए हैं दूसरों को जिंदगी की प्रेरणा देने और दिशा देने वाला संत आखिर करने से क्यों हार गया।
आपको बता दें कि मंगलवार को भय्यूजी महाराज ने खुद को गोली मार ली जानकारी होने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया उनके पास एक सुसाइड नोट मिला है जिसमें उन्होंने लिखा कि मेरी मौत का कोई जिम्मेदार नहीं है साथ ही उन्होंने परिवार को संभालने की अपील भी की है भय्यूजी महाराज की मौत के बाद हड़कंप मच गया है और राजनीतिक गलियारे से लेकर धार्मिक संगठनों के लोग उनकी मौत को पचा नहीं पा रहे हैं भय्यूजी महाराज ऐसे संत के रूप में सामने आए थे जिन्होंने मॉडलिंग भी की और राजनीति को भी दिशा दी अन्ना हजारे के आंदोलन के दौरान वह चर्चा में आए यही नहीं नरेंद्र मोदी की सभा उपवास में भी वह शामिल हुए थे बताया जा रहा है कि पिछले काफी समय से वह परिवारिक कलर में इतने अधिक उलझ गए थे , कि तनाव में डूब गए थे।
उनका सदगुरु दत्त धामिर्क ट्रस्ट नाम का ट्रस्ट भी चलता है. अपने ट्रस्ट के जरिए वह स्कॉलरशिप बांटते थे. कैदियों के बच्चों को पढ़ाते थे. और किसानों को खाद-बीज मुफ्त बांटते थे.