नई दिल्ली 6 अक्टूबरः जीएसटी काउंसिलिंग की दिल्ली मे हो रही बैठक मे कई बड़े मुददो पर फैसले लिये जाने हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहले ही संकेत दे चुके है कि जीएसटी से व्यापारियो को हो रही परेशानी को दूर किया जाएगा। इस नये जीएसटी मे दस बड़े बदलाव होगे।नये कानून मे छोटे व्यापारियो को राहत पहुंचाने का काम किया जाएगा। अभी हर व्यापारी को हर माह विवरणी दाखिल करना पड़ती है। संभव है कि सरकार 1.5 करोड़ टर्न ओवर तक के व्यापारियो को तीन माह मे विवरणी दाखिल करने को कहे।
रिवर्स चेन्ज मेकेनिज्म की व्यवस्था को फिलहाल स्थगित रखा जाये तथा कम्पाउंडिंग स्कीम के तहत 75 लाख रूपये की सीमा को बढ़ाकर 1 करोड़ रूपये किया जाये.
- पहले अधिकांश राज्यों में वैट व्यवस्था के अंतर्गत त्रैमासिक विवरणी दाखिल करने का प्रावधान था, पर वर्तमान व्यवस्था में छोटे एवं बड़े सभी करदाताओं को प्रतिमाह विवरणी दाखिल करनी पड़ती है, जिससे छोटे व्यापारियों को काफी कठिनाई हो रही है.
- 1.5 करोड़ रूपये तक टर्न ओवर वाले करदाताओं को त्रैमासिक विवरणी दाखिल करने की अनुमति प्रदान की जाये.
- वर्तमान में रिवर्स चार्ज मेकेनिज्म की व्यवस्था के तहत निबंधित करदाताओं को अनिबंधित आपूर्तिकर्ता से माल खरीदने पर कर भुगतान करना पड़ता है. जिसके कारण छोटे व्यापारियों को काफी कठिनाई होती है इसलिए फिलहाल रिवर्स चार्ज की व्यवस्था को स्थगित रखी जाए.
- कम्पाउंडिंग स्कीम के अन्तर्गत जिन व्यापारियों का टर्न ओवर 75 लाख रूपये तक का है उन्हें कुल बिक्री पर 1 फीसदी कर देना पड़ता है. छोटे व्यापारियों के लिये यह सीमा कम है इसलिए इस सीमा को बढ़ाकर 1 करोड़ रूपये तक की जाये ताकि उन्हें राहत मिल सके.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नोटबंदी तथा वस्तु एवं सेवा कर :जीएसटी: के मुद्दे को कुरदते हुए कहा है कि नोटबंदी सबसे बड़ी आपदा रही तो नयी कर व्यवस्था एक बड़े करतब की तरह है. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल में लिखा, इसने देश की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है.
- इससे पहले बनर्जी ने जीएसटी लागू किये जाने को केन्द्र सरकार की नोटबंदी के बाद की एक और ऐतिहासिक भूल करार दिया था. उन्होंने जीएसटी को जल्दी में लाये जाने का दावा करते हुए मांग की कि नयी कर व्यवस्था के मामले में जांच होनी चाहिये.
- ममता ने कहा था कि सरकार ने बगैर उपयुक्त योजना बनाये इसे जल्दबाजी में शुरु किया है. सभी आम लोग और सारे व्यापारी इसके घोर भुक्तभोगी हैं. लिहाजा सरकार को इस जल्दबाजी की गहन जांच करने की जरूरत है.तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में कारोबारियों को जीएसटी की राह आसान करने के लिए तेलुगु भाषा में जीएसटी एप लांच किया है. इस एप के जरिए एंड्रायड उपभोक्ताओं के लिए विभिन्न वस्तुओं एवं सेवाओं पर लगने वाली जीएसटी दर को तेलुगु में जाना जा सकेगा. किसी रीजनल भाषा में यह जीएसटी एप का पहला संस्करण है.