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नाट्य कलाकारों को किसी भी संसाधन का अभाव महसूस नहीं होने देंगे: डॉ. संदीप

*भारतेंदु नाट्य अकादमी में एक वर्ष पूर्ण होने पर डॉ. संदीप ने स्नेहा कुमारी को सम्मानित किया सम्मानित*

झांसी। बुंदेलखंड नाट्य कला केंद्र समिति अभिनय, प्रशिक्षण, एवं कलचरर रिसर्च सेंटर की स्थापना डॉ. हिमांशु द्विवेदी द्वारा 2007 में शौकिया रंगमंच के रूप में हुई थी, इस संस्था को साज सवारने वाले डॉ. कृपांशु द्विवेदी नाट्य कला केंद्र को व्यवसायिक व प्रोफेशनल रंगमंच की ओर मोड़ दिया। बुंदेलखंड नाट्य कला केंद्र, लोक संस्कृति, साहित्य, संस्कृत रणमंच, बुंदेली रंगमंच, आधुनिक रंगमंच, ग्रीक रंगमंच को लेकर समिति संस्थागत है, बुंदेलखंड नाट्य कला केंद्र (समिति), झांसी द्वारा भारतेंदु नाट्य अकादमी में 1 वर्ष पूर्ण होने होने पर एकदिवसीय कार्यशाला में कु. स्नेहा कुमारी को किया गया सम्मानित। सर्वप्रथम कार्यक्रम में उपस्थित अतिथि समाजसेवी संघर्ष सेवा समिति अध्यक्ष डॉ. संदीप सरावगी, क्षेत्रीय वन अधिकारी एम.पी गौतम, बरेली क्षेत्र के दैनिक भास्कर संपादक रवि मिश्रा को भारतेंदु नाट्य अकादमी के सचिव व कार्यक्रम संचालक डॉ. हिमांशु द्विवेदी द्वारा पुष्पगुच्छ एवं बुंदेली गमछा पहनाकर स्वागत किया गया। स्वागत पश्चात मंच का संचालन कर रहे डॉ. कृपांशु द्विवेदी ने कहा नाट्य कला का विकास सर्वप्रथम भारत में ही हुआ, इसलिए हिन्दी साहित्य में भारतीय रंगमंच का विशेष महत्व है। भारत देश जहाँ विभिन्न संस्कृतियाँ, परम्पराएँ और सभ्यताएं पाई जाती हैं, उसी प्रकार भारतीय रंगमंच भी विविध प्रकार की संस्कृतियों, परम्पराओं और सभ्यताओं का समग्र रूप है। इसके पश्चात समाजसेवी डॉ. संदीप सरावगी ने कहा कि रंगमंच का तात्पर्य एक ऐसा ऊँचा स्थान जहाँ पर अभिनय के माध्यम से किसी भी ऐतिहासिक, पौराणिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, राष्ट्रीय तथा परंपरागत प्रसंग को प्रस्तुत किया जाता है। रंगमंच पर किया गया अभिनय इतना सजीव तथा वास्तविक होता है कि दर्शक स्वयं को उसी में निमग्न कर देते हैं। रंगमंच के माध्यम से समाज में धार्मिक, सांस्कृतिक व राष्ट्रीय भावना का संचार किया जा सकता है। बुंदेलखंड में नाट्य कला को विकसित करने ऐसे और भी नाट्य शालाएं खुलनी चाहिए। भारतेंदु नाट्य कला अकादमी में एक वर्ष पूर्ण करने पर स्नेहा कुमारी को पुष्प गुच्छ व ट्रॉफी देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर संघर्ष सेवा समिति से सुशांत गुप्ता, बसंत गुप्ता, राजू सेन, नीरज सिहोतिये (सभासद,कैंट ), त्रिलोक कटारिया, सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। आयोजन डॉ. कृपांशु, द्विवेदी, व मार्गदर्शन डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने किया।

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