नई दिल्ली 21 सितम्बरः केन्द्र की एनडीए सरकार को अब लगने लगा है कि नोटबंदी के बाद से आर्थिक रफतार धीमी हो गयी है? इस एहसास के बाद सरकार की नींद उड़ गयी है। वह इस चिंता मे है कि कहीं महंगाई पर काबू न पाया जा सका, तो उसे आर्थिक के साथ राजनैतिक मोर्च पर भी विपक्ष से दो-दो हाथ करने होंगे। इसका सीधा असर 2019 के चुनाव पर पड़ सकता है।
वैसे भी नोटबंदी जैसे फैसले को लेते समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जहन मे यह सवाल था कि कहीं बाद मे नोटबंदी भूत बनकर न चिपक जाए। नोटबंदी से सरकार ने आर्थिक आतंकवाद, करप्शन और कालेधन पर रोक लगाने की अपनी नीति को काफी पुख्ता किया है। सवाल यह नहीं है। देश मे आर्थिक रफतार मे आयी सुस्ती ने सरकार को नये सिरे से सोचने पर मजबूर कर दिया। यही कारण रहा कि बीते मंगलवार को होने वाली बैठक मे मंथन किया गया। वित्तमंत्री अरूण जेटली ने कहा कि महंगाई को रोकने के लिये सकारात्मक कदम के साथ आगे बढ़ना होगा।
बैठक में मैन्युफैक्चरिंग, पावर, रोजगार वाले सेक्टरों को प्रोत्साहन पैकेज देने पर भी विचार किया गया। समीक्षा में जेटली के अलावा वाणिज्य मंत्री, रेल मंत्री, नीति आयोग के उपाध्यक्ष आदि भी शामिल हुए। पहले यह बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लेनेवाले थे।
करंट अकाउंट घाटा बढ़ा
यह घाटा अप्रैल-जून में बढ़कर जीडीपी का 2.4 फीसदी हो गया। व्यापार घाटा बढ़ने की वजह से यह 1430 करोड़ डॉलर तक पहुंच गया, जो इकॉनमी के लिए अच्छी खबर नहीं है।
आयात घटा, निर्यात बढ़ा
निर्यात की बात करें तो अगस्त में ये 10.3 फीसदी बढ़ा जबकि भारत का कुल आयात 21 फीसदी बढ़कर 3,546 करोड़ डॉलर के पार चला गया।
नौकरियां नहीं बढ़ीं
देश की आर्थिक विकास दर कम होने, मार्केट में डिमांड घटने से बाजार में नई नौकरियां ना के बराबर हो गई है।
फैक्ट्रियों में छाई सुस्ती
जुलाई में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 1.2 % रही। अप्रैल-जुलाई में IIP ग्रोथ 6.5% घटकर 1.7% रह गई। मतलब, मार्केट में डिमांड नहीं है।
आर्थिक वृद्धि दर घटी
2018 की पहली तिमाही में जीडीपी 3 साल में सबसे कम 5.7% हो गई जबकि पिछले साल अप्रैल-जून में जीडीपी ग्रोथ 7.9% रही थी।
कोर सेक्टर हुआ बीमार
कोर सेक्टर की ग्रोथ जुलाई में 2.4% रही, जो उम्मीद से काफी कम है। नैचरल गैस, स्टील, बिजली, कोयला जैसे सेक्टरों में सुस्ती से चिंता बढ़ी।
महंगाई बढ़ने से परेशानी
रिटेल महंगाई दर अगस्त में 3.36% हो गई, जो जुलाई में 2.36% थी। थोक महंगाई दर भी अगस्त में चार महीने के टॉप पर पहुंच गई।