नयी दिल्ली, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि नोटबंदी से औपचारिक अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ा है और इससे काला धन सरकारी तंत्र में आया है जिसका इस्तेमाल लोगों के फायदे के लिए किया जा रहा है।
शाह ने शीर्ष उद्योग संगठन फिक्की के एक कार्यक्रम में कहा कि नोटबंदी अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए सरकार द्वारा लिए गये कठिन निर्णयों का एक उदाहरण है। शाह ने यह बात ऐसे समय में कही है जब रिजर्व बैंक ने बंद किये गये 99 प्रतिशत नोट के वापस बैंकिंग तंत्र में लौट जाने की बात कही है, जिसके बाद विपक्षी दल नोटबंदी को लेकर नये सिरे से आलोचना कर रहे हैं।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘मुझे पूरा यकीन है कि नोटबंदी के कारण औपचारिक अर्थव्यवस्था बढ़ी है। जहां तहां पड़ा पैसा अब अर्थव्यवस्था का हिस्सा है।’’ उन्होंने आगे कहा कि यह सरकार नीतिगत निर्णयों को वोटबैंक से जोड़कर नहीं देखती है।
शाह ने कहा कि प्रत्यक्ष कर दाताओं की संख्या पिछले तीन साल में 3.7 करोड़ से बढ़कर 6.4 करोड़ हो गयी है और 30 करोड़ नये बैंक खाते खुले हैं जिसने औपचारिक अर्थव्यवस्था में हर किसी को जोड़कर इसे विस्तृत किया है।
उन्होंने कारोबार जगत से सरकार द्वारा वैश्विक स्तर पर निर्मित ‘ब्रांड इंडिया’ का फायदा उठाने का आह्वान करते हुए दावा किया कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का सबसे महत्वपूर्ण योगदान लोगों के सोचने का तरीका बदल देना है। उन्होंने अफ्रीकी देशों में निवेश की भारी संभावनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि उद्योग जगत को इस अवसर का इस्तेमाल वैश्विक विस्तार में करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अल्पकालिक लाभ के बजाय दीर्घकालिक लक्ष्यों पर ध्यान दे रही है। प्रत्यक्ष लाभ हंस्तातरण वर्ष 2014 के 8.5 करोड़ लोगों के बजाय अब 36 करोड़ लोगों तक पहुंच रही है और इससे विभिन्न योजनाओं में दी जाने वाली छूट में 59 हजार करोड़ रुपये की बचत हुई है। इससे पहले यह धन भ्रष्टाचार के कारण गायब हो जाया करता था।
उन्होंने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर पिछली तिमाही में गिरकर 5.7 प्रतिशत पर आ जाने की बात पर कहा कि ऐसा कुछ तकनीकी कारणों से हुआ था। उन्होंने आगे जोड़ा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के समय 2013-14 में जीडीपी की वृद्धि दर 4.7 प्रतिशत थी जो इस सरकार में बढ़कर 7.1 प्रतिशत पर पहुंच गयी।