अहदाबाद 24 अक्टूबरःघर वापसी कर चुके कांग्रेसी नेता अल्पेश ठाकोर के बारे मे कहा जा रहा है कि वो 2014 मे पंचायत का चुनाव भी नहीं जीत सके थे। अब उन्हंे कांग्रेस का गुजरात मे तारणहार माना जा रहा है।
वैसे आपको बता दे कि अल्पेश 2009 से 2012 तक कांग्रेस मे रहे। अब उनकी घर वापसी हुयी है।ओबीसी नेता के तौर पर सक्रिय अल्पेश की लोकप्रियता का ग्राफ पिछले कुछ सालो मे बढ़ा हे। उन्हांेने अपने को सामाजिक आंदोलन से जोड़ा।अल्पेश के पिता ओड़ाजी भी कांग्रेस से हैं।
मूलतः अहमदाबाद के एंडला गांव के रहने वाले अल्पेश समाज सेवा के अलावा खेती और रियल एस्टेट का व्यवसाय करते हैं, उनका गांव हार्दिक पटेल के चंदन नगरी से कुछ ही किलोमीटर दूर है.
पांच साल पहले अल्पेश तब सुर्ख़ियों में आए थे जब उन्होंने गुजरात क्षत्रिय-ठाकोर सेना का गठन किया था. यह संगठन नशा मुक्ति के लिए गुजरात में काम करता है. आज भी इस संगठन में 6.5 लाख लोग रजिस्टर्ड है.
हाल ही में अल्पेश ने एकता मंच की स्थापना की. जिसके अंतर्गत ओबीसी, एससी, एसटी समुदाय के लोगों को उन्होंने अपने साथ जोड़ा. मालूम हो कि गुजरात में 22 से 24 प्रतिशत ठाकोर समुदाय के लोग हैं. देखना ये होगा कि कांग्रेस का साथ और चुनावी रण में अल्पेश कितने प्रभावी साबित होते हैं.