पुणे की हिंसा से हिला मुंबई, तनाव पसरा

मुंबई 2 जनवरीः पुणे मे जातीय हिंसा के बाद मुंबई मे तनाव पसर गया है। स्कूल कालेज बंद कर दिये गये हैं। पुलिस बल तैनात किया गया है। जगह-जगह तोड़फोड़ और आगजनी हुयी है।

मुंबई के चेंबूर, मुलुंड, घाटकोपर, कुर्ला, गोवंडी इलाके में 400 से ज्यादा पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है. कई इलाकों में ऑफिस, स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं.

पुणे के भीमा-कोरेगांव में सोमवार को एक कार्यक्रम के दौरान हुई हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जबकि कई घायल हैं. इस मामले में सरकार ने न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं.

इस बारे में महाराष्ट्र के सीएम देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि, “भीमा-कोरेगांव की लड़ाई की 200वीं सालगिरह पर करीब तीन लाख लोग आए थे. हमने पुलिस की 6 कंपनियां तैनात की थी. कुछ लोगों ने माहौल बिगाड़ने के लिए हिंसा फैलाई. इस तरह की हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. हमने न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. मृतक के परिवार वालों को 10 लाख के मुआवजा दिया जाएगा.”

वहीं इस हिंसा के लिए एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने दक्षिणपंथी संगठनों की जिम्मेदार बताया है और आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. पवार ने कहा कि भीमा-कोरेगांव की लड़ाई की 200वीं सालगिरह मनाई जा रही थी. हर साल यह दिन बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता रहा है. लेकिन इस बार कुछ दक्षिणपंथी संगठनों ने यहां की फिजा को बिगाड़ दिया.

कुछ बाहरी लोगों ने वधु गांव के लोगों भड़काया और यहां हिंसा फैल गई. आज तक भीमा-कोरेगांव के इतिहास में ऐसा नहीं हुआ. प्रशासन ने भी पर्याप्त तैयारियां नहीं की थी. उन्हें यह मालूम था कि 200वीं सालगिरह होने पर यहां हजारों लोग आयेंगे, लेकिन कोई तैयारी नहीं की गई. पवार ने शांति और सद्भाव रखने की अपील लोगों से की है.

वहीं, कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भीमा-कोरेगांव में हिंसा साजिश के तहत फैलाई गई. मुंबई कांग्रेस के डॉ. राजू वाघमारे ने कहा कि पहले से दलितों पर हमले करने की प्लानिंग थी. आरएसएस के कुछ लोग यहां हिंसा भड़काने के लिए लंबे समय से तैयार कर रहे थे.

 

 

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