देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जयंती एवं तुलसी पूजन दिवस पर संघर्ष सेवा समिति कार्यालय में हुआ भव्य आयोजन
पौधों में श्रेष्ठ तुलसी और जनप्रतिनिधियों में सर्वश्रेष्ठ अटल बिहारी वाजपेई- संदीप सरावगी
25 दिसंबर को हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई का जन्म दिवस है साथ ही इसी दिन तुलसी की भी पूजा होती है जिस प्रकार अटल बिहारी वाजपेई जनप्रतिनिधियों में श्रेष्ठ थे उसी प्रकार तुलसी भी पेड़ पौधों में श्रेष्ठ मानी जाती है। सनातन धर्म में तुलसी की पूजा होती है एवं उसे मां के समान दर्जा दिया जाता है। इस अवसर पर संघर्ष सेवा समिति कार्यालय में अटल बिहारी वाजपेई जयंती एवं तुलसी पूजन दिवस का भव्य आयोजन किया गया। मंत्रोच्चारण के साथ तुलसी के पौधे की पूजा की गई एवं केक रूपी कलाकंद को काटकर श्री अटल बिहारी वाजपेई का जन्मदिवस मनाया गया। इस अवसर पर संघर्ष सेवा समिति के संस्थापक डॉ० संदीप सरावगी ने अटल बिहारी वाजपेई की कविता की चार पंक्तियों “मौत की उमर क्या है? दो पल भी नहीं, जिंदगी सिलसिला, आज कल की नहीं। मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूं, लौटकर आऊंगा, कूच से क्यों डरूं?” के साथ अपनी बात रखते हुए कहा हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई जी एक राजनेता ही नहीं बल्कि कुशल जनप्रतिनिधि थे। जनता दल से निकलकर भारतीय जनता पार्टी के अस्तित्व में आने तक अटल बिहारी जी का विशेष योगदान रहा है, देश में जब कांग्रेस का परचम लहरा रहा था उस समय जनता में भारतीय जनता पार्टी के प्रति आस्था जगाकर अटल जी ही केंद्र में सरकार बनाने में सफल हुए थे उनके कुशल व्यक्तित्व के कारण ही सभी राजनीतिक दल उन्हें सम्मान की दृष्टि से देखते हैं। भारत को परमाणु शक्ति बनाने का श्रेय भी अटल बिहारी वाजपेई जी को ही जाता है जिन्होंने कई प्रतिबंधों के बाद भी परमाणु परीक्षण कर विश्व में एक कीर्तिमान स्थापित किया था। आज तुलसी दिवस भी है हमारा सनातन धर्म ही एक ऐसा धर्म है जो देवी देवताओं के अतिरिक्त प्रकृति पूजन में भी विश्वास रखता है हमारे यहां गाय भी पूजी जाती है पेड़ भी पूजे जाते हैं नदियों की भी पूजा होती है और पर्वत भी पूजे जाते हैं। हमारे तुलसी पीठाधीश्वर श्री रामभद्राचार्य जी जिन्हें मैं अपना गुरु मानता हूं उन्हें तुलसी का अवतार कहा जाता है आज तुलसी दिवस के अवसर पर मैं उन्हें शत-शत नमन करता हूँ। तुलसी का पौधा लगाने से वातावरण शुद्ध होता है साथ ही तुलसी एक ऐसी औषधि है जो कई बीमारियों में काम आती है। सनातन धर्म में तुलसी के पौधे का बहुत महत्व है तुलसी को माता के रूप में पूजा जाता है। इस अवसर नितिन चौरसिया जिलाध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक संघ, पंकज तिवारी जिला मंत्री, राजेश प्रजापति, अमित मोहित, पवन रायकवार, कमल राज मेहता, चंदन पाल, अविनीश चौरसिया, वीना चौरसिया, संघर्ष सेवा समिति से कौसर जहां, मीना मसीह, हाजरा रब, पूजा रायकवार, ललित रायकवार, संदीप नामदेव, अनुज प्रताप सिंह, बसंत गुप्ता, सुशांत गेड़ा, अनिल वर्मा, सुमन वर्मा, मधु वर्मा, गीता सिंह, आरती, रूबी आदि उपस्थित रहे।