नई दिल्ली 6 जूनः देश के पूर्व राष्टपति प्रणब मुखर्जी आज नागपुर पहुंचेगे। वो 7 जून को संघ के संघ शिक्षा वर्ग के समापन के मुख्य अतिथि होगे। प्रणब के नागपुर जाने को लेकर कांग्रेस के रूख पर संघ ने सीधे तौर पर तो कई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन इंडियन एक्सप्रेस मंे सह संघ के सह सरकार्यवाह मन मोहन वैद्य का एक लेख छपा है, जिसमे उन्हेने अपनी बात कही है।
प्रणब दा, नागपुर में आपका स्वागत है’ शीर्षक से लिखे गए अपने लेख में मनमोहन वैद्य ने कांग्रेस और लेफ्ट के नेताओं को निशाने पर लेते हुए लिखा है,’प्रणब दा देश के पूर्व राष्ट्रपति होने के अलावा कांग्रेस के बड़े नेता भी हैं लेकिन किसी भी स्वयंसेवक ने उन्हें RSS के कार्यक्रम में बुलाने का विरोध नहीं किया. वहीं कांग्रेस और लेफ्ट नेताओं के एक तबके ने इसका विरोध किया, अपनी असहमति जताई. हमें इन दोनों प्रतिक्रियाओं को समझना होगा.’
अपने लेख में मनमोहन वैद्य ने लेफ्ट पार्टियों और लेफ्ट से जुड़े बौद्धिक तबके को निशाने पर लेते हुए लिखा है कि इस देश में सालों से एक ऐसे तबके की चली है जिसने देश और दुनिया में कभी खुले संवाद को स्वीकार नहीं किया. उन्होंने लिखा है कि अगर कोई लेफ्ट की बातों से सहमत नहीं है तो वो संघी है.
अपने लेख में उन्होंने उन मौकों को भी याद किया है जब RSS से अखबारों के संपादकों, दूसरी पार्टी के लोगों ने दूरी बनाई. एक घटना का जिक्र करते हुए वो लिखते हैं, ‘बतौर प्रचार प्रमुख एक बार मैं कोलकाता गया था. तब राज्य में सीपीएम के नेतृत्व में लेफ्ट की सरकार थी. स्थानीय RSS कार्यालय ने द स्टेटमैन, द इंडियन एक्सप्रेस, द टाइम्स ऑफ इंडिया, वर्तमान व लेफ्ट से सहानुभूति रखने वाले दूसरे अखबारों के संपादकों के साथ मेरी मुलाकात के लिए कोशिश की. लेकिन सबने मना कर दिया और मुझे बताया गया कि संपादकों ने कहा कि वो मुझसे मिलकर अपना समय खराब नहीं करना चाहते.’
इस लेख में उन्होंने ऐसे कई मौकों के बारे में लिखा है जब उनसे या RSS के दूसरे नेताओं से लोगों ने केवल इसलिए मिलने से मना कर दिया था क्योंकि वो RSS से थे.