प्रदीप जैन आदित्य सिर्फ चुनाव हारे, कद नहीं

झांसीः बुन्देली माटी के लाल कहे जाने वाले पूर्व केन्द्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य के मेयर चुनाव मे  हार को कुछ लोग उनके कद से जोड़ रहे हैं। यह सरासर गलत है। प्रदीप जैन की आज भी पार्टी मे  हैसियत उतनी ही है, जितनी कल थी। यानि कमजोर आंकने वालो  के लिये यह खबर बुरी हो सकती है!

झांसी के विकास को ध्यान मे  रखते हुये सामूहिक आवाहन पर मैदान मे  उतरे प्रदीप जैन आदित्य को निकाय चुनाव मे  34 हजार के करीब मत मिले। वैसे तो प्रदीप के कद के हिसाब से यह मत काफी कम हैं, लेकिन सच को स्वीकार करना ही पड़ता है।

प्रदीप जैन के चुनाव मे  तीसरे नंबर पर पहुंचने को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। क्या प्रदीप जैन का जादू कम हो गया? क्या प्रदीप जैन अब चुनावी मैदान मे  दोबारा उतरेगे? क्या प्रदीप जैन अपनो  के चक्रव्यूह मे  फंस गये? आदि-आदि।

इन सवालो  का जवाब तलाशने के लिये मार्केटसंवाद ने दिल्ली मे  पड़ताल की। कांग्रेस कार्यालय से जुड़े लोगो  से हुयी बातचीत के बाद सामने आया कि प्रदीप जैन का कद पार्टी के होने वाले अध्यक्ष राहुल गांधी के सामने बहुत बड़ा है। राहुल गांधी व्यक्तिगत तौर पर प्रदीप जैन आदित्य पर पूरा भरोसा करते हैं। शायद यही कारण है कि हार के बाद भी प्रदीप जैन आदित्य को नयी जिम्मेदारी देने की तैयारी की जा रही है।

निकाय चुनाव मे  जिस जोश से कांग्रेसियो  ने प्रदीप जैन का चुनाव लड़ा, वो काबिले तारीफ है। भानू सहाय, सुधांशु त्रिपाठी, राजेन्द्र सिंह यादव, राजेन्द्र शर्मा, रघुराज शर्मा, डा. सुनील तिवारी जैसे युवा और दिग्गज कांग्रेसी पूरे चुनाव मे  मैदान मे  रहे!

बरहाल, चुनाव निपट गया है। प्रदीप जैन की अगली पारी जल्द ही लोगों के सामने आने वाली है। नये अवतार और नयी तैयारी के साथ जनता से रूबरू होने को आतुर प्रदीप जैन क्या असर दिखाएंगे, यह आने वाले समय मे  तय होगा?

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