प्रधानमंत्री के छात्रों से सीधे संवाद में झांसी भी शामिल हुआ, रिपोर्ट- सतेंद्र

झाँसी। कुछ खिलौनों के टूटने से बचपन खत्म नहीं होता है। हमें अपने सपनों की ओर हमेशा आगे बढ़ते रहना होगा। जिंदगी में अपने सोच को हमेशा ऊपर रखें, क्योंकि अगर निशान चूक जाये तो माफ हो सकता है। लेकिन निशान नीचा हो तो कोई माफी नहीं मिलती है। यह बात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तालकटोरा स्टेडियम में परीक्षा पे चर्चा विषय पर देश के छात्रों उनके माता-पिता और शिक्षकों से बातचीत करते हुए कही है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के अलग-अलग हिस्सों से जुड़े छात्रों से सीधे संवाद किया और उनके प्रश्नों के जबाब भी दिये। परीक्षा को लेकर डरने वाले छात्रों को कहा कि एक आध परीक्षा में कुछ इधर-उधर हो जाये तो जिंदगी ठहर नहीं जाती है। जिदंगी में हर पल कसौटी जरुरी है ऐसे में कसौटी के तराजू पर नहीं झोंकने पर जिंदगी में ठहराव आ जाता है। कुछ खिलौनों के टूटने से बचपन नहीं मर सकता है। हमें अपने सपनों की ओर हमेशा आगे बढ़ता रहना चाहिए।

छात्र-छात्राओं, माता-पिता व शिक्षकों से संवाद के दौरान उन्होंने कहा कि जिंदगी का मतलब होता है गति, जिंदगी का मतलब होता है। सपने ठहराव जिंदगी नहीं होती है। लक्ष्य हमारे सामर्थ के साथ जुड़ा होना चाहिए। जो कि आपकों सपनों की और ले जाये। छात्रों से बात करते हुए कहा कि लक्ष्य ऐसा होना चाहिए जो पहुंच में तो हो पर पकड़ में न हो। लक्ष्य पकड़ में आ जायेगा।

कार्यक्रम में मंडलायुक्त श्रीमती कुमदलता श्रीवास्तव, जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी, अपर जिलाधिकारी हरीशंकर समेत अन्य अधिकारी, छात्र-छात्रायें मौजूद रहे।

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