नई दिल्ली 23 जनवरी। कांग्रेस आम चुनाव में उत्तर प्रदेश में कुछ अलग करने के मूड में थी। बहुत संभव था कि बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के साथ यदि तालमेल हो जाता, तो कांग्रेस प्रियंका गांधी को यकायक मैदान में नहीं उतारती ।
प्रियंका पहले की तरह ही प्रचार करती, लेकिन उत्तर प्रदेश में अपने पुराने जनाधार को वापस लाने के लिए कांग्रेस को यह ट्रंप कार्ड चलना ही पड़ा।
दरअसल, उत्तर प्रदेश में पुराना जनाधार कहे जाने वाले दलित मुस्लिम और ब्राह्मण इन दोनों किसी कद्दावर नेता के ना होने से पार्टी की ओर वापसी का मन नहीं बना पा रहे हैं।
ऐसे में पार्टी ने प्रियंका गांधी का चेहरा आगे करके ब्राह्मण वोटों के साथ अन्य वोटरों के लिए तुरुप का इक्का चला है। प्रियंका की मौजूदगी से कांग्रेस उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल मचाने को तैयार है।
बताया जा रहा है कि कांग्रेस में प्रियंका गांधी की महालॉन्चिंग की तैयारियों में की जा रही हैं । सूत्रों की माने तो यूपी कांग्रेस अगले 10 फरवरी को लखनऊ में रमाबाई मैदान में बड़ी रैली करेगी।
जानकार बताते हैं कि प्रियंका गांधी को यूपी की राजनीति उतारने का एक मकसद यह भी है कि उत्तर प्रदेश में नरेंद्र मोदी के सामने राहुल गांधी का कद बड़ा करने के लिए प्रियंका का साथ होना जरूरी है
हालांकि प्रियंका गांधी की राजनीति में सक्रिय होने से राहुल गांधी के लिए ज्यादा माइलेज मिलने की संभावना भी कम हो सकती है।