बारिश में ढह गया आशियाना, समाजसेवी डॉ० संदीप ने दी छत
झाँसी। इस वर्ष बारिश अपना विकराल रूप धारण कर जगह जगह त्राहि मचा रही है इस मौसम में सबसे ज्यादा समस्या आती है गरीब वर्ग को, जो धनाभाव के कारण सुचारू रूप से अपना जीवन व्यतीत नहीं कर पा रहे हैं और दरबदर की ठोकर खा रहे हैं। ऐसा ही एक प्रकरण ओरछा गेट बाहर वार्ड नंबर 11 का सामने आया, जहां विनीता पाखरे नामक एक महिला छोटी सी कुटिया बनाकर रह रही थी पति की मौत 5 वर्ष पूर्व कैंसर नामक घातक बीमारी से हो चुकी थी एक बेटा जो अस्वस्थ होने के कारण कामकाज नहीं कर पाता। तेज बारिश से बुजुर्ग महिला की झोपड़ी गिर गई, घर में पानी भर से सारा सामान अस्त-व्यस्त हो गया। महिला ने कई जगह मदद की गुहार लगाई लेकिन निष्कर्ष शून्य निकला। संघर्ष सेवा समिति की वार्ड नंबर 11 प्रभारी नैना पाखरे अपने नियमित भ्रमण पर थी उसी समय विनीता पाखरे नामक बुजुर्ग महिला से मुलाकात हुई उनकी समस्याओं को जाना एवं समस्या के निस्तारण का आश्वासन दिया। इसके पश्चात संघर्ष सेवा समिति की टीम ने उक्त स्थल का निरीक्षण किया एवं महिला के समस्या समाधान हेतु झोपड़ी के चारों तरफ पिलर लगवाकर लोहे का गेट एवं शैड डलवाया दिया। जिससे महिला का आशियाना पुनः रहने लायक बन गया। समिति के अध्यक्ष डॉ० संदीप सरावगी महिला से उसका हालचाल जानने घर पहुंचे जहां महिला ने अपनी पूरी आपबीती सुनाई एवं शैड एवं गेट लगने से मिली सुविधा को लेकर डॉ० संदीप सहित संघर्ष सेवा समिति के सभी सदस्य एवं पदाधिकारियों को आशीर्वाद भी दिया। डॉ० संदीप ने कहा हर एक असहाय व्यक्ति में आप अपना कोई रिश्ता खोज लें तो आपको अनुभव होगा कि वह कितनी समस्या में है। आज इस बूढ़ी मां में मैं अपनी मां को देखूं तो महसूस होता है यदि मेरी मां इतनी समस्या में होती तो क्या होता है ? चाहे वह किसी की मां हो, भाई हो या बहन हो हमें मानवता के धर्म पर चलना चाहिए और नैतिकता के आधार पर सभी का सहयोग करना चाहिए। सनातन धर्म कहता है वसुधैव कुटुंबकम यानि संपूर्ण धरती पर रहने वाले लोग अपने परिवार की तरह तरह है उन्हें कोई भी समस्या हो तो आपको अपनी क्षमतानुसार तत्पर रहना चाहिए। हम संघर्ष सेवा समिति के माध्यम से विगत कई वर्षों से समाज सेवा का कार्य कर रहे हैं ऐसे कई अनुभव मिले हैं जब छोटी सी मदद करने पर एक असहाय हमें इतनी दुआ देता है जो हम करोड़ों रुपयों में भी नहीं खरीद सकते। इस अवसर पर बसंत गुप्ता, राजू सेन, सुशांत गेंडा, राकेश अहिरवार, राजू खान, अजय कश्यप, नीरज सिहोतिये (सभासद, कैंट), राजीव सिंह रजक, त्रिलोक कटारिया, सचिन (नगरा), मुजीब खान, शैलेंद्र राय, प्रमेंद्र सिंह सरकार, चंदन कटियार सहित समिति के अन्य लोग मौजूद रहे।