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बुंदेली कला को जीवित रखना हमारा नैतिक कर्तव्य- डॉ० संदीप सरावगी रिपोर्ट अनिल मौर्य

राम यश प्रचारक मंडल के तत्वाधान में लोकगीत एवं भजन संध्या का आयोजन

स्वर्गीय रमेश यादव की स्मृति में लोकगीत एवं भजन संध्या का हुआ पंचम आयोजन

बुंदेली कला को जीवित रखना हमारा नैतिक कर्तव्य- डॉ० संदीप सरावगी

झाँसी। रामयश प्रचारक मंडल द्वारा समथर के अग्गा बाजार स्थित रामलीला मैदान में स्वर्गीय रमेश यादव उर्फ दादू की स्मृति में पांचवी बार लोकगीत एवं भजन संध्या का आयोजन किया गया। रमेश यादव उर्फ दादू लंबे समय से रामलीला मंचन में हिस्सा लेते आ रहे थे उनके परलोक गमन पश्चात उनके पुत्र इंद्रजीत सिंह द्वारा दादू की स्मृति में प्रतिवर्ष लोकगीत एवं भजन संध्या का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में झांसी के प्रतिष्ठित समाजसेवी डॉ० संदीप सरवगी एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व विधायक दीप नारायण सिंह यादव के सुपुत्र मून यादव उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम को जय सिंह राजा के बुंदेली कला ग्रुप “बुंदेलखंड लोकगीत सम्राट ग्रुप” द्वारा सजाया गया। रविवार शाम 7:00 से प्रारंभ हुए इस आयोजन में हजारों की संख्या में क्षेत्रीय जनता उपस्थित रही, जय सिंह राजा द्वारा चर्चित लोकगीत एवं भजनों के गायन के दौरान उपस्थित जनता तालियां बजाकर उत्साह वर्धन करती हुई दिखाई दी। कार्यक्रम के दौरान डॉ० संदीप सरावगी ने कहा बुंदेली कला का इतिहास बहुत पुराना है बुंदेली कलाकारों द्वारा बहुत कम साधनों के साथ भजन, लोकगीत, नृत्य एवं नौटंकियों का आयोजन किया जा रहा है। सरकार द्वारा कला को जागृत रखने के लिए कोई विशेष योगदान नहीं दिया जाता फिर भी हमारे कलाकार बुंदेली कला को जागृत रखे हुए हैं। समय के साथ विलुप्त होती जा रही बुंदेली कला आज इन कलाकारों के माध्यम से ही जागृत है। यह हम सभी का नैतिक कर्तव्य है कि हम अपनी कला और संस्कृति को बचाए रखने के लिए यथासंभव प्रयास करें। हमारा संगठन संघर्ष सेवा समिति समाजसेवा के साथ बुंदेली कला को भी संरक्षण प्रदान करता चला आ रहा है। अधिकांश आयोजनों में हमारा प्रयास रहता है कि किसी न किसी बुंदेली कार्यक्रम को समाहित किया जाए जिससे कला जीवित रहे साथ ही कलाकारों का भी जीविकोपार्जन चलता रहे। हम काफी समय से बुंदेली कलाकार के रूप में रमेश यादव उर्फ दादू का नाम सुनते चले आ रहे हैं उनके स्वर्गवास के पश्चात उनके पुत्र इंद्रजीत द्वारा इस प्रकार के कार्यक्रमों को निरंतर आयोजित करना बहुत हर्ष की बात है इसके लिये मैं इंद्रजीत को शुभकामनायें देता हूँ। इस अवसर पर राघवेन्द्र यादव कक्का, पप्पन नगाईच, अरविन्द‌ श्रीवास, सुरेन्द्र उदैनिया, रामकुमार यादव, सागर, विशाल, प्रदीप, प्रखर, सुमित मोहित, अभय सेंगर, अंकित, संदीप नामदेव, अभय प्रताप, राकेश अहिरवार, विवेक वर्मा, शैलेंद्र राय आदि उपस्थित रहे।

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