बुराईयों से जीवन में कभी समझौता नहीं करना चाहिए: राधामोहनदास
झांसी।नोटक्षीर बनगुवां बरूआसागर स्थित गिरवरधारी जू महाराज के 25 वें पावन प्राकट्य महा महोत्सव एवं श्री हनुमंत महायज्ञ के उपलक्ष्य में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के पंचम दिवस का प्रसंग सुनाते हुए कथा व्यास बुंदेलखण्ड धर्माचार्य राधामोहन दास महाराज ने कहा कि सिर्फ बुराईयों के रहते ही मनुष्य राक्षस नहीं बनता बल्कि अच्छाईयों के साथ साथ हर जगह सफलता का अहंकार भी मानव को दानव बना देता है। हिरण्यकश्यप एवं नृरसिंह अवतार का प्रसंग सुनाते उन्होंने कहा कि बुराईयों से जीवन में कभी समझौता नहीं करना चाहिए क्योंकि बुराईयां हमें पतन की ओर ले जाती हैं।यही कारण है कि सतोगुणी लोग ऊपर उठाते हैं और तमोगुणी व्यक्ति रसातल की ओर चला जाता है। वे कहते हैं कि जिसकी दृष्टि ठीक है उसकी सृष्टि भी सुंदर होती है।
इससे पूर्व उन्होंने भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं का विस्तार से वर्णन करते हुए पूतना के उद्धार का प्रसंग सुनाया। उन्होंने कहा कि पूतना भले ही भगवान को मारना चाहती थी पर उसने प्रभु को दूध पिलाया इसलिए प्रभु ने पूतना को मां की गति प्रदान कर अपने धाम भेजा दिया।
प्रात:कालीन बेला में यज्ञाचार्य रामलखन उपाध्याय एवं पं.अनिल तिवारी ने विधि विधान से वेदिका पूजन कराया तदुपरांत यजमानों ने यज्ञ में आहुतियां दी। प्रारंभ में पारीछित श्रीमती विभा मृदुल तिवारी,ममता अजय अग्रवाल, दीर्घा विजय चौधरी,गीता राजेंद्र अग्रवाल, मुस्कान धीरज कुशवाहा, रमा आशाराम कुशवाहा, राजेश्वरी कोमल सिंह सिजरिया, जयकुंवर लालाराम कुशवाहा, सुनीता रामसिंह, फूलवती बृजमोहन साहू,रज़नी मारुति दीक्षित एवं गिरवरधारी जू मंदिर के पुजारी मदनमोहन दास एवं राधाबल्लभ महाराज श्रीधाम वृंदावन ने महाराजश्री का माल्यार्पण कर श्रीमद भागवत पुराण की आरती उतारी।अंत में व्यवस्थापक परमानंद दास ने सभी का आभार व्यक्त किया।रात्रि में श्रीधाम वृंदावन धाम से पधारे श्रीहितआदर्श कृष्णकला भक्तमाल भक्तमाल चरित्र रामलीला मंडल के कलाकारों ने स्वामी देवेंद्र वशिष्ठ के निर्देशन में बालिवध, सीताहरण एवं लंकादहन की लीला का मनमोहक मंचन किया।