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ब्राहमण चेहरे से यूपी फतह करेगी कांग्रेस?

नई दिल्ली 21 मार्चः यूपी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर के इस्तीफ के बाद माना जा रहा है कि पार्टी किसी ब्राहमण चेहरे को इस पद का काबिज कर सकती है। पार्टी की मंशा प्रदेश के उन 12 फीसद ब्राहमण को पाले मे करने की है, जो लंबे समय से नाराज चल रहे हैं। पार्टी को उपचुनाव मे ब्राहमण की नाराजगी भी झेलना पड़ी है।



राज बब्बर का अभी इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है। वैसे उनके स्थान पर जिन नाम की चर्चा है, ब्राहमण हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अधिवेशन मे संकेत भी दिये थे कि बदलाव को तैयार रहे। यानि इसकी शुरूआत यूपी से होने जा रही है।
नेतृत्व की ओर से अभी राज बब्बर का इस्तीफा मंजूर नहीं किया गया है. जब तक उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया जाता, वे यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष के तौर पर कामकाज जारी रखेंगे. राज बब्बर के बाद किसे यूपी कांग्रेस की कमान सौंपी जाएगी, इसे लेकर तमाम अटकलें लगाई जा रही हैं. सूत्रों के मुताबिक इस लिस्ट में जितिन प्रसाद, राजेश मिश्र और ललितेशपति त्रिपाठी का नाम आगे चल रहा है.

पिछले 36 घंटों में तीसरा इस्तीफा
ये भी संभव है कि गुजरात की तरह उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस एक अध्यक्ष और चार उपाध्यक्षों की नियुक्ति करे. हर उपाध्यक्ष को अपना-अपना कार्यक्षेत्र संभालना होगा.
ये है इस्तीफे की वजह
ये तीनों नेता कांग्रेस के महाधिवेशन में मौजूद थे. भरत सिंह सोलंकी ने जहां इस्तीफे की वजह निजी विदेश यात्रा बताई है, वहीं शांताराम नाइक ने युवा नेताओं को अवसर देने की बात करते हुए इस्तीफा दिया है. राज बब्बर के इस्तीफे की वजह अभी सामने नहीं आई है.



सूबे में कांग्रेस की कमान राज बब्बर की जगह ब्राह्मण नेता के हाथों में सौंपे जानी की पार्टी ने पूरी तैयारी कर ली है. इस फेहरिश्त में कांग्रेस के प्रमोद तिवारी, जितिन प्रसाद, राजेश मिश्रा या ललितेशपति त्रिपाठी में से किसी एक नाम पर मुहर लगाई जा सकती है. यूपी में करीब 12 फीसदी ब्राह्मण मतदाता हैं. एक दौर में ये कांग्रेस का परंपरागत वोट था. कांग्रेस दोबारा इन्हें जोड़ने की कवायद कर रही है.

योगी के दुर्ग गोरखपुर उपचुनाव में बीजेपी के उपेंद्र शुक्ल की हार से ब्राह्मण समुदाय में नाराजगी बढ़ी है. उन्हें लगता है कि उपेंद्र शुक्ल की हार स्वाभाविक नहीं है बल्कि जानबूझकर राजपूतों ने उन्हें हरवाया. गोरखपुर में राजपूत बनाम ब्राह्मण के बीच वर्चस्व की जंग जगजाहिर है. ब्राह्मणों की इसी नाराजगी को कांग्रेस भुनाने की तैयारी में है. राज बब्बर के बाद यूपी कांग्रेस की कमान ब्राह्मण समुदाय के हाथों में दिए जाने की पार्टी ने योजना बनाई है

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