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भाजपा ने बागी बाहर किए, लेकिन नुकसान होने का खतरा बरकरार रिपोर्ट संदीप

भोपाल 15 नवंबर मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती बागियों को लेकर है। हालांकि नामांकन वापसी के आखिरी दिन बुधवार को मान मनोबल का दौर खत्म होने के बाद भाजपा ने अपने 53 बागियों को देर शाम पार्टी से निष्कासित कर दिया है । इनमें कांग्रेस के टिकट पर उतरे सरताज सिंह और निर्दलीय ताल ठोक रहे पूर्व सांसद रामकृष्ण कुसमरिया के नाम शामिल है।

बताया जाता है कि पार्टी की ओर से आए धर्मेंद्र प्रधान विनय सहस्त्रबुद्धे कैलाश विजयवर्गीय राकेश सिंह की बैठक में इन बागियों के निष्कासन का फैसला किया गया। इस आदेश को जिला मुख्यालयों को भेज दिया गया है।

अभी कांग्रेश के 14 बागी मैदान में डटे हुए हैं कांग्रेसियों से इनके बारे में कोई फैसला नहीं किया गया है।

प्रदेश में दिन भर में 556 प्रत्याशियों ने नाम वापस लिए 9 नवंबर तक 4157 प्रत्याशी मैदान में थे अब 2907 ही बचे हैं। इससे पहले दिन में कुसमरिया को मनाने के लिए प्रभात झा उनके घर पहुंचे पर उन्हें खाली हाथ वापस लौटना पड़ा ।

इसके अलावा भोपाल पूर्व से पूर्व विधायक जितेंद्र डागा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात के बाद पर्चा वापस ले लिया ।विदिशा जिले की शमशाबाद सीट से निर्दलीय पूर्व वित्त मंत्री राघवजी ने भी अमित शाह के कहने पर अपना नामांकन वापस ले लिया।

भिंड से भाजपा विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह सपा के टिकट पर मैदान में है । गुना की बमोरी सीट से पूर्व मंत्री के एल अग्रवाल भी नहीं माने। पूर्व मोर्चा अध्यक्ष नीरज पटेरिया बैरसिया से पूर्व विधायक ब्रह्मानंद रत्नाकर पुष्पराजगढ़ से पूर्व विधायक सुदामा सिंह ग्वालियर दक्षिण से पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता बाबूलाल मेवला राजकुमार ने भी नामांकन वापस नहीं लिया।

भाजपा की ओर से जहां इन बागियों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है वही सवाल ये उठता है कि क्या इनसे होने वाले डैमेज कंट्रोल को भाजपा संभाल सकेगी।

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