नई दिल्ली 28 सितंबर। सुप्रीम कोर्ट ने आज एक और ऐतिहासिक फैसला दिया है कोर्ट ने भीमा कोरेगांव हिंसा से जुड़े मामले में बंदी बनाए गए 5 मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के मामले में दखल देने से इंकार कर दिया है ।कोर्ट ने पुलिस को अपनी जांच आगे बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
आपको बता दें कि गिरफ्तार किए गए पांचों कार्यकर्ताओं की रिहाई और एसआईटी की जांच की मांग को लेकर याचिका दायर की गई थी ।गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ता वरवरा राव अरुण फरेरा वर्णन गोंजाल्विस सुधा भारद्वाज और गौतम नवलखा पिछले 29 अगस्त से घर में नजरबंद है।
इस मामले में जस्टिस खानविलकर ने कहा कि आरोपी ये तय नहीं कर सकते हैं कि कौन-सी एजेंसी उनकी जांच करे. तीन में से दो जजों ने इस मामले में दखल देने से इनकार कर दिया है साथ ही उन्होंने SIT का गठन करने से भी मना कर दिया है.
कोर्ट ने कहा है कि पुणे पुलिस अपनी जांच आगे बढ़ा सकती है. पीठ ने कहा है कि ये मामला राजनीतिक मतभेद का नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने पांचों कार्यकर्ता की नजरबंदी को 4 हफ्ते के लिए बढ़ा दिया है.