ममता के तेवर और कड़े हुए, शह- मात के खेल में सड़क, संसद और कोर्ट तक गूंज, रिपोर्ट-नैना

कोलकाता 4 फरवरी । पश्चिम बंगाल में जारी सियासी महासंग्राम सोमवार को और तेज हो गया है । जहां ममता बनर्जी ने धरना स्थल पर ही कैबिनेट की बैठक की, तो वही संसद में सरकार ने अपना पक्ष रखा । मोदी और ममता के बीच इस शह मात के खेल में सड़क संसद और कोर्ट शामिल हो गई है।

अलग-अलग मुद्दों पर दोनों पक्षों की ओर से लड़ी जा रही इस लड़ाई में रोचकता भरपूर है । पिछले 20 दिनों के अंदर ममता बनर्जी विपक्ष के नंबर वन के नेता के रूप में उभरकर सामने आयी है।

आज संसद में टीएमसी से सांसदों ने सीबीआई को लेकर तोता है तोता के नारे लगाए । इस को लेकर राजनाथ सिंह ने जवाब भी दिया। उन्होंने रविवार को पश्चिम बंगाल में क्या हुआ इस बारे में सदन को जानकारी दी।

भारतीय जनता पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से मिलकर शिकायत की। प्रतिनिधिमंडल में शामिल रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हम लोकसभा चुनाव के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष वातावरण चाहते हैं।

धरने पर बैठी ममता बनर्जी ने साफ किया कि वह किसी के दबाव में नहीं झुकेंगी। 8 फरवरी तक धरना जारी रहेगा।

दरअसल बीजेपी और लेफ्ट के बीच सिमटती जंग के चलते दोनों पार्टियों को फायदा नजर आ रहा है. पिछले दिनों कांग्रेस सासंद मौसम नूर ने टीएमसी का दामन थाम लिया है. राज्य में करीब 27 फीसदी मुस्लिम वोट है, बीजेपी से सीधा मुकाबला होने पर ये वोट ममता के साथ खड़ा नजर आएगा. इस तरह से दोनों पार्टियां ताजा विवाद में अपना-अपना सियासी फायदा देख रही हैं.

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