नई दिल्ली 27 सितंबर सुप्रीम कोर्ट में आज मस्जिद में नमाज को लेकर फैसले की सुनवाई शुरू हो गई। सुप्रीम कोर्ट के जज अपना फैसला पढ़ रहे हैं कहा गए हैं की मस्जिद में नमाज पढ़ने का मसला ऊंची पीठ को नहीं जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की पीठ ने 2-1 से फैसला पड़ा । चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस भूषण ने अपने फैसले में कहा कि यह मुद्दा ऊंची पीठ को नहीं जाएगा।
अयोध्या मामले में टाइटल सूट पर सुनवाई 29 अक्टूबर से होगी।
दोनों जजों के फैसले से जस्टिस नजीर ने असहमति जताई. उन्होंने कहा कि वह साथी जजों की बात से सहमत नहीं है. यानी इस मामले पर फैसला 2-1 के हिसाब से आया है. जस्टिस नजीर ने कहा कि जो 2010 में इलाहाबाद कोर्ट का फैसला आया था, वह 1994 फैसले के प्रभाव में ही आया था. इसका मतलब इस मामले को बड़ी पीठ में ही जाना चाहिए था.
आपको बता दें कि 1994 में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने इस्माइल फारूकी केस में राम जन्मभूमि मामले में यथास्थिति बरकरार रखने का निर्देश दिया था ताकि हिंदू पूजा कर सकें.
बेंच ने यह भी कहा था कि मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्लाम का जरूरी हिस्सा नहीं है 2010 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फैसला देते हुए एक तिहाई हिंदू एकता एक मुस्लिम और एक तिहाई राम को दिया था।