(हाईकोर्ट जज, पुलिस महानिदेशक, जेलर, विधि प्रोफेसर आदि नें दिये सुधारात्मक सुझाव )
देहरादून में राष्ट्रीय महिला आयोग नई दिल्ली द्वारा लॉ कॉलेज में कॉन्फ्रेंस आयोजित की गयी l कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती विजया किशोर नें कहा कि, भारत में विभिन्न जेलॉ में कैद महिलाओ के अधिकारों की रक्षा करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है
उत्तराखण्ड हाईकोर्ट के निवर्तमान जज श्री राजेश टंडन नें महिलाओ के विधिक मूल्यों पर चर्चा की एवं श्री वी. के. महेश्वरी नें कारागार में महिला कैदियों की स्थिति पर चिंता व्यक्त की ल
उत्तराँचल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. अनिल कुमार दीक्षित नें कहा कि महिलाओ को डायन, चुड़ैल बोलना अपराध घोषित हो l डॉ. दीक्षित नें महिला आयोग के समक्ष प्रस्ताव रखा कि जेलों में कैदियों को दिया जाने वाला भोजन (एफ.एस.एस.ए.आई ) द्वारा सर्टिफ़ाईड होना चाहिए, डॉ. अनिल दीक्षित नें कहा कि भारत के सभी कारागार, “फूड सेफ्टी एन्ड स्टेण्डर्ड एथॉरिटी ऑफ़ इण्डिया” द्वारा सत्यापित एवं प्रमाणित होने चाहिए
देहरादून जेल के जेलर श्री पी. के. कोठारी नें जेल मैनुअल के अनुसार कारागार रिपोर्ट प्रस्तुत की l
उत्तराखण्ड के निवृतमान पुलिस महानिदेशक श्री अनिल कुमार रतूड़ी नें जेल प्रशाशन में हो रहें मूलभूत बदलाओं की समीक्षा की l कॉन्फ्रेंस में पुरे देश से विद्वानो का आगमन हुआ जिसमे पंजाब यूनिवर्सिटी से प्रोफेसर वन्दना अरोरा, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से प्रोफेसर मोहम्मद तारीख, डॉ. प्रिया विंजामुरी, डॉ. शालीनि बहुगुणा, डॉ. प्रवीण राठी, डॉ.पल्लवी, डॉ.रत्नेश श्रीवास्तव, उत्तराखण्ड महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमिती कुसुम कण्डवाल आदि नें अपने विचार रखें l
कॉन्फ्रेंस का संचालन एवं आभार ज्ञापन डॉ. सराफत अली नें प्रस्तुत किया