नई दिल्ली 18 जून। मोदी सरकार ने एक बार फिर से नाकारा अधिकारियों को जबरन रिटायर करने का सिलसिला जारी रखा है मंगलवार को वित्त मंत्रालय के 15 वरिष्ठ अधिकारियों को जब रिटायर करने का निर्णय लिया गया। इनमें मुख्य आयुक्त आयुक्त और अतिरिक्त आयुक्त स्तर के अधिकारी शामिल हैं ।।बताया जाता है कि अधिकांश अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार घूसखोरी के आरोप है।
मंगलवार को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड और कस्टम विभाग जिन अधिकारियों को रिटायर किया गया उनमें प्रिंसिपल कमिश्नर डॉ अनूप श्रीवास्तव कमिश्नर कमिश्नर संसार चंद्र कमिश्नर हर्षा कमिश्नर विनय सिंह, कमिश्नर अशोक महिंद्रा, ज्वाइंट कमिश्नर नलिन कुमार असिस्टेंट कमिश्नर एसएस बिष्ट असिस्टेंट कमिश्नर राजू सीकर डिप्टी कमिश्नर अशोक कुमार और असिस्टेंट कमिश्नर मोहम्मद अल्ताफ के नाम शामिल हैं।
इसके पहले भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभालते ही सख्त फैसला लिया था. पिछले हफ्ते टैक्स विभाग के ही 12 वरिष्ठ अफसरों को जबरन रिटायर (Compulsory Retirement) कर दिया गया था. डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल ऐंड एडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्म्स के नियम 56 के तहत वित्त मंत्रालय के इन अफसरों को सरकार समय से पहले ही रिटायरमेंट दे रही है. इस तरह अब तक कुल 27 अफसरों को जबरन रिटायर कर दिया गया है.