नई दिल्ली 18 सितंबर।
नैना
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की राजनीतिक परिपक्वता का rss पर लगाता किए जा रहे हमले को एक कदम माना जा रहा है। इस कदम की आहट को भाँपते हुए RSS प्रमुख मोहन भागवत ने राहुल गांधी को अपने व्याख्यानमाला शिविर में कांगरेस की तारीख का आवरण देकर साफ कर दिया कि संघ की सोच क्या है और उसका दृष्टिकोण क्या है? इतना ही नहीं संघ प्रमुख में बीजेपी और मोदी को भी अपने अंदाज में नसीहत दे दी।
आपको बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी देसी नहीं बल्कि विदेशी धरती पर भी RSS पर जमकर हमला बोल रहे हैं। एक समारोह में तो राहुल गांधी ने RSS की तुलना आतंकी संगठन से तक कर दी थी।
राहुल गांधी RSS में महिलाओं के हक से लेकर संघ पर विघटनकारी सोच को लेकर हमला करते रहे हैं। राहुल गांधी के इन हमलों से संघ चिंतित तो नहीं है लेकिन संग में मौके पर एक संदेश देकर एहसास जरूर कर दिया कि rss की सोच क्या है और उसका दृष्टिकोण क्या है।
दिल्ली में चल रहे व्याख्यानमाला शिविर में RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर अब तक कांगरेस की भूमिका सराहनीय रही है । भागवत ने कहा कि देश में विकास के कई सारे कार्य कांग्रेस के कार्यकाल में ही हुए हैं ।
भागवत के कांग्रेश की विकास की जमीनी हकीकत को सार्वजनिक मंच से ऐलान करने की हिम्मत का तीर राहुल के उस सवाल का जवाब है जो संघ को बार-बार विकासवादी सोच न रखने का आरोप देता है।
इतना ही नहीं मोहन भागवत ने कांगरेस की तारीफ कर एक तीर से दो निशाने साधने का काम किया है।
एक तरफ जहां उन्होंने राहुल गांधी को संघ के अपने नजरिए से अवगत कराया, तो वही मोदी के कांग्रेसमुक्त नारे की हवा निकालते हुए साफ कर दिया कि संघ किसी को मुक्त नहीं बल्कि युक्त समाज के निर्माण का पक्षधर है।
संघ प्रमुख का ये दोनों बातें कहना कहीं न कहीं मोदी सरकार के लिए संदेश माना जा रहा है. कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, संघ के कार्यकर्ता बिना किसी प्रचार के अपना काम करते हैं. हालांकि उन्हें अलग-अलग माध्यमों से पब्लिसिटी मिलती है, जिसकी कभी आलोचना भी होती है.