लखनउ 21 दिसम्बरः यूपी सरकार ने आज सदन मे यूपीकोका बिल को पारित कर दिया। इस बिल को लेकर सपा व बसपा ने वाकआउट किया। संगठित अपराध की रोकथाम के लिये लाये गये बिल को लेकर विपक्ष ने आपत्ति दर्ज की।
विपक्षी दल सपा-बसपा की गैरमौजूदगी में यह बिल पास हुआ. यूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र में 20 दिसंबर को इस विधेयक को पेश किया गया था. महाराष्ट्र के बाद उत्तर प्रदेश दूसरा ऐसा प्रदेश बन गया है, जो इतना सख्त कानून लागू करने जा रहा है.
विपक्ष कर रहा विरोध
बसपा सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती लगातार यूपीकोका का विरोध कर रही हैं. उनका कहना है कि इसका इस्तेमाल दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ होगा. बीएसपी इस कानून का विरोध करती है और व्यापक जनहित में इसे वापस लेने की मांग करती है. उन्होंने यूपीकोका को जनता के लिए अभिशाप तक कह डाला.
मायावती ने आरोप लगाया कि बीजेपी जाति और संप्रदाय के आधार पर पक्षपात करते हुए तमाम कानून का गलत इस्तेमाल करती है. ऐसे में नया कानून उत्तर प्रदेश की जनता के लिए बड़ा सिर दर्द साबित हो सकता है. विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी भी इसके खिलाफ है और उसका कहना है कि इस कानून का दुरुपयोग सरकार विरोधियों को दबाने के लिए कर सकती है.