झाँसी। कहते है कि जब फरमान सुनाने वाले जब उस पर अमल करने लगे , तो समझ लेना चाहिए कि उस महकमे में बदलाव जरूर नजर आएगा। झांसी में पुलिस की छवि बेहतर बनाने और लोगों का भरोसा जीतने के लिए डीआईजी झांसी सुभाष सिंह और एसएसपी डॉ ओपी सिंह इन दिनों ऐसी ही कुछ मिसाल पेश कर रहे हैं ।
अपने अधीनस्थों को सुबह से शाम तक लोगों की सेवा में जुटे रहने का हौसला देने वाले दोनों ही अधिकारी जब रात को सड़कों पर निकलते हैं तो लोग अधिकारियों के भरोसे में स्वच्छंदता से विचरण के विचार को अपने दिमाग में ठहरा हुआ पाते हैं।
काफी अरसे के बाद झांसी में पुलिस की चहल कदमी सड़क पर देखी जा रही है । अमूनन खाकी वर्दी को अमूमन सड़क पर देखने के बाद लोगों के मन में किसी अपराधी घटना या अनजाने खौफ की तस्वीर उभर आती है , लेकिन अब सड़क पर थानेदार, चौकी प्रभारी अपने सहयोगियों के साथ चहल कदमी करते नजर आते हैं , तो लोगों में अधिकारियों का वह विश्वास नजर आता है, जो लोगों को वर्दी को दोस्त के रूप में मानने के लिए मजबूर कर देता है ।
बुंदेली माटी को वर्दी साथ जोड़ने की कवायद में डीआईजी और एसएसपी की जुगलबंदी और कदमताल ने उनके अधीनस्थों को लोगों से जुड़ने के लिए इस तरह प्रेरित किया है कि सुबह से शाम के दरमियान नगर के किसी न किसी हिस्से में संख्या बल के साथ पुलिस की चहल कदमी लोगों को यातायात नियमों का पालन करने की नसीहत, सुरक्षा और सजगता का एहसास कराते हुए दिखाई देती है।
बदल रही झांसी और बदल रही पुलिस की इस सोच को पनपने में डीआईजी झांसी और एसएसपी के प्रयास निसंदेह सराहनीय हैं। जनता अधिकारियों के इस प्रयास को एक बार सैल्यूट जरूर करती हैं।